नोएडा (7 दिसंबर 2024): नोएडा में साइबर अपराध का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें अपराधियों ने मां-बेटी को चार दिनों तक डिजिटल रूप से बंधक बनाकर उनसे 36 लाख 58 हजार रुपये ठग लिए। घटना नोएडा के सेक्टर-77 में रहने वाली तरुणा गाबा और उनकी मां शशि गाबा के साथ घटी। ठगों ने बेहद शातिराना तरीके से झूठे आरोपों और धमकियों का सहारा लेते हुए यह अपराध अंजाम दिया।
तरुणा गाबा, जिन्होंने हाल ही में एमबीए किया है और नौकरी की तलाश कर रही हैं, अपने पिता के निधन के बाद मां शशि गाबा के साथ रह रही थीं। बीते महीने तरुणा के मोबाइल पर एक अनजान नंबर से कॉल आई। कॉलर ने खुद को भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) का अधिकारी बताते हुए दावा किया कि उनके आधार कार्ड का उपयोग मानव अंग तस्करी और मनी लॉन्ड्रिंग में किया गया है।
इसके बाद, अपराधियों ने तरुणा को एक ऑनलाइन पूछताछ सत्र के लिए मजबूर किया। उन्हें स्काइप कॉल के माध्यम से कथित मुंबई पुलिस अधिकारियों से जोड़ा गया। इस दौरान ठगों ने फर्जी गिरफ्तारी वारंट भी भेजा और आरोपों से बचने के लिए बैंक खातों से पैसे ट्रांसफर करने की मांग की। 27 से 30 नवंबर के बीच ठगों ने मां-बेटी को डिजिटल अरेस्ट की धमकी देकर उनके मानसिक और भावनात्मक भय का फायदा उठाया। लगातार धमकियों और फर्जी दस्तावेजों के दबाव में आकर मां-बेटी ने अपने बैंक खाते से कुल 36.58 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए।
अपराधियों ने यह सुनिश्चित किया कि पीड़िताएं किसी से मदद नहीं मांग सकें। उन्होंने उनकी व्यक्तिगत और पारिवारिक जानकारी एकत्र कर ली और इसी जानकारी का इस्तेमाल उन्हें और अधिक पैसे ट्रांसफर करने के लिए मजबूर करने में किया। ठगों ने यहां तक कहा कि उन्हें अपनी फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) तुड़वानी होगी और घर गिरवी रखना पड़ेगा।
चार दिनों तक लगातार धमकाने और पैसे वसूलने के बाद, अपराधियों ने मां-बेटी से संपर्क समाप्त कर दिया। इस भयावह घटना के बाद, तरुणा और उनकी मां ने पुलिस से संपर्क किया और घटना की जानकारी दी। शिकायत मिलने पर पुलिस ने तुरंत हरकत में आते हुए पीड़ितों के ठगे गए 2 लाख रुपये फ्रीज कर दिए। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने साइबर अपराधियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और उनकी तलाश शुरू कर दी है।
नोएडा पुलिस ने इस मामले को लेकर जनता को सतर्क रहने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि किसी भी अनजान कॉल, धमकी या फर्जी दस्तावेजों के जरिए डराने की कोशिशों से सावधान रहें। अपनी बैंक और निजी जानकारी किसी के साथ साझा न करें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना दें।यह मामला साइबर अपराध के बदलते स्वरूप और उससे निपटने के लिए अधिक सतर्कता की आवश्यकता को रेखांकित करता है। पुलिस ने भरोसा दिलाया है कि अपराधियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर पीड़ितों को न्याय दिलाया जाएगा।।
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