गौतमबुद्ध नगर किसान आंदोलन ने लिया नया मोड़, किसान नेता पवन खटाना ने बताई सच्चाई!

टेन न्यूज नेटवर्क

ग्रेटर नोएडा (06 दिसंबर 2024): गौतमबुद्ध नगर में चल रहा किसान आंदोलन अब महत्वपूर्ण मोड़ पर पहुंच गया है। 25 नवंबर से शुरू हुआ यह आंदोलन अब शांति और वार्ता के जरिए समाधान की दिशा में बढ़ता दिख रहा है। भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के पश्चिमी उत्तर प्रदेश अध्यक्ष पवन खटाना ने आंदोलन से जुड़े हर पहलू पर खुलकर चर्चा की और अपनी रणनीति को स्पष्ट किया।

आंदोलन की पृष्ठभूमि

पवन खटाना ने बताया कि यह आंदोलन 25 नवंबर से किसानों की दो प्रमुख मांगों को लेकर शुरू हुआ, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरणों में 10% प्लॉट का आवंटन और 2013 के भूमि अधिग्रहण कानून के प्रावधानों को लागू करना। उन्होंने बताया कि आंदोलन के पहले दिन से ही तय किया गया था कि हर समस्या का समाधान वार्ता के माध्यम से निकाला जाएगा।

पुलिस कार्रवाई और गिरफ्तारी

खटाना ने कहा कि किसानों ने शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन किए। हालांकि, पुलिस प्रशासन ने कई किसान नेताओं को गिरफ्तार किया। पवन खटाना ने कहा, “हमने दलित प्रेरणा स्थल पर शांतिपूर्ण धरना दिया था, लेकिन वहां से हमें जबरदस्ती हटाकर जेल भेज दिया गया।”

उन्होंने आगे कहा कि भारतीय किसान यूनियन और राकेश टिकैत के नेतृत्व में छत्तीसगढ़, हरियाणा, पंजाब और उड़ीसा जैसे राज्यों में प्रदर्शन हुए। इसके बाद सरकार ने बातचीत के लिए तैयार होकर 8 और 9 दिसंबर तक समाधान का आश्वासन दिया।

सरकार से वार्ता की प्रक्रिया

पवन खटाना ने बताया कि नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण के सीईओ, डीएम, और पुलिस कमिश्नर की अध्यक्षता में बैठक हुई। बैठक में अधिकारियों ने कहा कि किसानों की समस्याओं को हल करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एक कमेटी बनाई गई है।
उन्होंने कहा, “हमने अपने मुद्दों पर अधिकारियों को प्रस्ताव दिए हैं। अगर किसी में त्रुटि है, तो उसे सुधारने का प्रयास किया जाएगा।”

पवन खटाना का बयान और अपील

फेसबुक लाइव के जरिए पवन खटाना ने आंदोलन पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा, “हम गांधीवादी और टिकैतवादी हैं। शांति से समाधान चाहते हैं और किसी को परेशान नहीं करना चाहते। जो लोग हिंसा का मार्ग अपनाना चाहते हैं, वे हमसे अलग हो जाएं। हम अपने आंदोलन के माध्यम से किसी पर दबाव नहीं बनाना चाहते। अगर सरकार वार्ता के जरिए समाधान के लिए तैयार है, तो हमें सड़क पर जाने की जरूरत नहीं है। जो लोग अराजकता फैलाना चाहते हैं, वे आंदोलन से दूर रहें।”

राजनीतिक हस्तक्षेप पर कड़ी टिप्पणी

पवन खटाना ने साफ कहा कि भारतीय किसान यूनियन किसी राजनीतिक पार्टी के साथ नहीं है।
उन्होंने कहा, “हम न सत्ता के पक्ष में हैं, न विपक्ष के। हमारा उद्देश्य सरकार की गलत नीतियों को बदलना है, न कि सरकार को।” उन्होंने यह भी कहा, “हम विपक्षी पार्टियों को न मंच देंगे, न माइक।”

आंदोलन को भटकाने वाले तत्वों पर सवाल

पवन खटाना ने आरोप लगाया कि कुछ लोग आंदोलन को भटकाने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “किसी के बहकावे में न आएं। हमने शांतिपूर्ण तरीके से सभी समस्याओं को हल कराया है और इस बार भी कराएंगे। जो लोग हिंसा फैलाना चाहते हैं, वे अपनी राजनीति कहीं और करें।”

आंदोलन की सफलता पर विचार

उन्होंने कहा कि अगर वार्ता सफल होती है, तो इसका श्रेय सरकार को जाएगा, न कि विपक्ष को। उन्होंने यह भी कहा, “हम सत्ता और विपक्ष के कारण नहीं, बल्कि किसान आंदोलन की ताकत के कारण हैं।”

अधिकारियों का समर्थन और भविष्य की रणनीति

पवन खटाना ने गौतमबुद्ध नगर पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह और अन्य अधिकारियों की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने समाधान की दिशा में सकारात्मक रुख दिखाया है।
उन्होंने कहा, “अगर 8 और 9 दिसंबर तक समाधान नहीं हुआ, तो हम गांधीवादी तरीके से आंदोलन को और तेज करेंगे।”

किसानों के लिए संदेश

उन्होंने किसानों से अपील की:

1. “शांति बनाए रखें। किसी भी भ्रामक अफवाह या राजनीतिक बहकावे में न आएं।”

2. “हम हर किसान के साथ खड़े हैं।”

3. “आंदोलन को शांतिपूर्ण और सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ाना है।”

 

आंदोलन का वर्तमान मोड़

गौतमबुद्ध नगर में किसान आंदोलन एक संवेदनशील स्थिति में पहुंच गया है। जहां एक तरफ कुछ संगठन शांतिपूर्ण समाधान की बात कर रहे हैं, वहीं कुछ संगठन उग्र प्रदर्शन की ओर बढ़ने की तैयारी में हैं। अब देखना यह है कि सरकार अपने वादे को पूरा करती है या आंदोलन एक नए संघर्ष की ओर बढ़ता है।।

आपकी राय इस आंदोलन पर क्या है? कमेंट बॉक्स में जरूर साझा करें।।


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