जाति जनगणना से देश में नए तरीके की राजनीति और विकास होगा : राहुल गांधी

नई दिल्ली, 05 फरवरी

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने देश में जाति जनगणना करवाने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा कि इससे देश में नए तरीके की राजनीति और विकास होगा। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा और आरएसएस जाति जनगणना नहीं करवाना चाहते हैं।

बिहार के पटना में महान स्वतंत्रता सेनानी जगलाल चौधरी के जयंती समारोह को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि देश में दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों को अभी उनका हक नहीं मिल रहा है। उन्होंने बताया कि देश के संस्थानों और बड़ी कंपनियों के मालिकों की लिस्ट में दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों के नाम कहीं नजर नहीं आते।

वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि आज हिंदुस्तान में विचारधारा की लड़ाई चल रही है। एक ओर आरएसएस-भाजपा हैं, वहीं दूसरी तरफ अंबेडकर, महात्मा गांधी और जगलाल चौधरी जैसी हस्तियां हैं, जिन्होंने दलितों एवं अन्य कमजोर वर्गों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया। दलितों के दिल में जो दुख-दर्द था, अंबेडकर जी और जगलाल चौधरी जी ने उस आवाज को उठाया था।

राहुल गांधी ने कहा कि दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों को प्रतिनिधित्व तो मिला, लेकिन सत्ता में भागीदारी के बिना प्रतिनिधित्व का कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री मोदी दावा करते हैं कि उनकी पार्टी में वंचित समुदायों से कई विधायक और सांसद हैं। लेकिन उन्होंने विधायकों और सांसदों की सभी ताकतें छीन ली हैं। कमजोर वर्गों के लोग मंत्री तो बन गए, लेकिन ओएसडी आरएसएस का होता है, जिसके हाथ में असली नियंत्रण होता है।

वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि सोमवार को संसद में उन्होंने अपने भाषण में जाति जनगणना की बात थी। उसके बाद मंगलवार को प्रधानमंत्री ने संसद को संबोधित किया, लेकिन डेढ़ घंटे के भाषण में एक बार भी जाति जनगणना के बारे में नहीं बोला। ऐसा इसलिए है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा-आरएसएस जाति जनगणना नहीं चाहते हैं। वे नहीं चाहते कि देश की सच्चाई सामने आए।

राहुल गांधी ने कहा कि जातिगत जनगणना पहला कदम होगा, जिससे पता चलेगा कि देश में दलित, पिछड़े, आदिवासी, अल्पसंख्यक और गरीब सामान्य वर्ग के लोग कितने हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि जातिगत जनगणना बिहार की तरह नहीं, बल्कि तेलंगाना की तरह होगी। इसके बाद यह पता लगाया जाएगा कि देश की संस्थाओं में इन वर्गों की कितनी भागीदारी है।

वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि नरेंद्र मोदी ने देश के सबसे अमीर 25 लोगों का 16 लाख करोड़ रुपये माफ किया है। ये जनता के टैक्स का पैसा है। लेकिन इन सबसे अमीर लोगों की सूची में एक भी दलित, पिछड़े और आदिवासी वर्ग के व्यक्ति का नाम नहीं मिलेगा। आज हिंदुस्तान में आम जनता की जेब से पैसा निकालकर अरबपतियों की जेब में डाला जा रहा है।

राहुल गांधी ने तंज कसते हुए कहा कि आजकल भाजपा-आरएसएस के नेता अंबेडकर जी के सामने हाथ जोड़ते हैं, लेकिन अंबेडकर जी वंचित वर्गों के जिन अधिकारों के लिए लड़े, उन पर हमला करते हैं। भाजपा-आरएसएस के लोग जानते हैं कि जब तक संविधान है, तब तक हिंदुस्तान के गरीबों, दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों को नहीं दबाया जा सकता है। इसलिए वे संविधान को खत्म करना चाहते हैं।

वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि वह ऐसा दिन देखना चाहते हैं, जब हिंदुस्तान में संस्थाओं की लीडरशिप में दलित, पिछड़े व आदिवासी वर्ग के लोग दिखें और देश की शीर्ष दस कंपनियों के मालिक दलित, पिछड़े और आदिवासी वर्ग से हों। वह इस लक्ष्य को पाने के लिए लड़ रहे हैं और लड़ते रहेंगे।

 

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