दिल्ली में अवैध प्रवासियों पर शिकंजा: पुलिस का विशेष अभियान जारी

टेन न्यूज़ नेटवर्क

नई दिल्ली (3 फरवरी 2025): दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले पुलिस ने अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों के खिलाफ व्यापक तलाशी अभियान छेड़ा है। इस अभियान के तहत अब तक 58 से अधिक लोगों को वापस भेजा जा चुका है और 8 को गिरफ्तार किया गया है। यह कार्रवाई दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) द्वारा जारी निर्देशों के बाद शुरू हुई थी, जिसमें दो महीने के भीतर अवैध प्रवासियों की पहचान और निर्वासन की प्रक्रिया पूरी करने को कहा गया था।

दिल्ली के विभिन्न इलाकों में जांच अभियान

दिल्ली पुलिस ने कई इलाकों में सघन तलाशी अभियान चलाया, जिसमें मदनपुर खादर, उत्तम नगर, काली बस्ती, जामिया नगर, अर्जनगढ़ और रंगपुरी जैसे क्षेत्र प्रमुख रूप से शामिल हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इन इलाकों में कई संदिग्ध अप्रवासी रह रहे थे, जिनके दस्तावेजों की जांच के बाद उन पर कार्रवाई की गई। दक्षिण-पूर्व जिले के डीसीपी रवि कुमार सिंह ने बताया कि “अब तक 25-30 लोगों पर अवैध अप्रवासी होने का संदेह है। पुलिस ऐसे एजेंटों की भी तलाश कर रही है, जो उन्हें दिल्ली में अवैध रूप से बसाने में मदद करते हैं।”

पहचान और सत्यापन की प्रक्रिया

दिल्ली पुलिस ने अवैध प्रवासियों की पहचान के लिए “घर-घर जाकर जांच” और उनके दस्तावेजों के वेरिफिकेशन की रणनीति अपनाई है। पश्चिम दिल्ली के द्वारका जिले में करीब 200 संदिग्धों की पहचान की गई है। बाहरी दिल्ली में 175 व्यक्तियों को अवैध अप्रवासी माना जा रहा है। पुलिस अधिकारी स्थानीय प्रशासन, डाकघरों और पुलिस थानों से जानकारी लेकर इनकी वास्तविक पहचान की पुष्टि कर रहे हैं।

फर्जी दस्तावेजों का खुलासा

पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि कई घुसपैठियों ने भारतीय पहचान पत्र, जैसे आधार कार्ड, राशन कार्ड और वोटर आईडी बनवा लिए थे। एक मामले में, दिल्ली पुलिस ने गुरुग्राम स्थित एक बैंक कर्मचारी को गिरफ्तार किया, जिसने नकली आधार कार्ड बनवाने में मदद की थी। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि “हमने दस्तावेज बनाने वाले एक सिंडिकेट का भी भंडाफोड़ किया है, जो अवैध प्रवासियों को भारतीय नागरिकता दिलाने के लिए फर्जी कागजात तैयार करता था।”

सिंडिकेट का भंडाफोड़ और गिरफ्तारियां

2 जनवरी को, दिल्ली पुलिस ने एक बड़े अवैध अप्रवासन सिंडिकेट का पर्दाफाश किया और चार लोगों को गिरफ्तार किया। इनमें दो भारतीय नागरिक आशीष मेहरा और अमीनूर इस्लाम शामिल थे, जो फर्जी दस्तावेज बनवाने और अवैध अप्रवासियों को दिल्ली लाने में मदद कर रहे थे। गिरफ्तार किए गए दो अन्य लोग बांग्लादेशी नागरिक थे, जो अवैध रूप से भारत में रह रहे थे।

कैसे होती है घुसपैठ?

पूछताछ में पता चला कि बांग्लादेशी अप्रवासी मेघालय, असम और पश्चिम बंगाल के सीमावर्ती इलाकों से भारत में प्रवेश करते हैं। इसके बाद एजेंटों की मदद से वे दिल्ली जैसे बड़े शहरों तक पहुंचते हैं। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि “हमने असम, पश्चिम बंगाल और मेघालय में टीम भेजकर इनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि की जांच करवाई है।”

बांग्लादेशी नागरिकों का निर्वासन

गिरफ्तारी के बाद, अवैध अप्रवासियों को विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (FRRO) में पेश किया जाता है, जहां उनके निर्वासन के आदेश जारी किए जाते हैं। इसके बाद, उन्हें दिल्ली के डिटेंशन सेंटर में रखा जाता है और फिर ट्रेन या बस के जरिए बांग्लादेश सीमा तक भेज दिया जाता है। 15 जनवरी को, दिल्ली पुलिस ने एक ट्रेन के जरिए हिरासत में लिए गए सभी बांग्लादेशी नागरिकों को वापस उनके देश भेजा था।

राजनीतिक माहौल और बढ़ती सख्ती

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह अभियान आगामी विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए तेज किया गया है। उन्होंने कहा, “राजनीतिक दबाव के कारण इस समय यह अभियान जोर-शोर से चल रहा है, लेकिन चुनाव खत्म होने के बाद यह सामान्य स्थिति में आ जाएगा।”

दिल्ली पुलिस का यह अभियान न केवल अवैध प्रवासियों की पहचान कर उन्हें निर्वासित करने में सफल हो रहा है, बल्कि उन एजेंटों और सिंडिकेट्स पर भी शिकंजा कस रहा है, जो इस अवैध गतिविधि को बढ़ावा देते हैं।


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