SIR पर गरमाई सियासत, AAP सांसद संजय सिंह ने कर दी बड़ी मांग!

टेन न्यूज़ नेटवर्क

New Delhi News (01 December 2025): संसद के मौजूदा सत्र की शुरुआत बेहद गर्म रही, क्योंकि आम आदमी पार्टी (AAP) ने SIR (स्पेशल समरी रिवीजन) के कथित घोटाले और इसके दबाव में बीएलओ की मौतों के मुद्दे पर विपक्षी दलों के साथ मिलकर सदन में जोरदार आवाज उठाई। वरिष्ठ AAP सांसद संजय सिंह ने नियम 267 के तहत तत्काल चर्चा की मांग करते हुए कहा कि यह केवल प्रशासनिक गड़बड़ी का मामला नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया के दुरुपयोग का गंभीर आरोप है। उनके वक्तव्य से सदन का माहौल गर्मा गया और सरकार पर जवाबदेही का दबाव बढ़ गया।

AAP की विपक्ष संग एकजुट रणनीति

लोकसभा चुनाव के बाद प्रमुख विपक्षी गठबंधन से दूरी बनाने वाली AAP ने इस बार SIR विवाद पर विपक्षी दलों के साथ एकजुटता दिखाई है। पार्टी का दावा है कि SIR प्रक्रिया के नाम पर मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर राजनीतिक हस्तक्षेप हो रहा है। संजय सिंह ने आरोप लगाया कि जिन इलाकों को विपक्ष का मजबूत वोट बैंक माना जाता है, वहां योजनाबद्ध तरीके से मतदाताओं के नाम हटाए जा रहे हैं। उन्होंने इसे “लोकतंत्र का गला घोंटने वाला सबसे बड़ा चुनावी घोटाला” बताया।

BLO की मौतों ने बढ़ाई चिंता

संजय सिंह ने सदन में उन बीएलओ की मौतों का मुद्दा भी जोर-शोर से उठाया, जिन्हें SIR प्रक्रिया के दौरान अत्यधिक दबाव, लंबी ड्यूटी, मानसिक तनाव और कथित रूप से ‘टारगेट पूरे करने’ के लिए परेशान किया जा रहा है। आप सांसद ने कहा कि कई बीएलओ तनाव में आत्महत्या कर रहे हैं या असामान्य परिस्थितियों में उनकी मौत हो रही है। उन्होंने इन मौतों को “सिस्टम द्वारा की गई हत्याएं” करार दिया और कहा कि सरकार व चुनाव आयोग इस मानवाधिकार संकट की अनदेखी कर रहे हैं।

नियम 267 का महत्व

संजय सिंह ने राज्यसभा के नियम 267 के तहत चर्चा की मांग करते हुए कहा कि यह ऐसा मुद्दा है जिस पर सदन का पूरा कार्यस्थगन जरूरी है। यह नियम किसी भी अत्यंत गंभीर सार्वजनिक मुद्दे पर तय एजेंडा छोड़कर तुरंत चर्चा की अनुमति देता है। उनका कहना है कि SIR से जुड़े आरोप, मतदाता सूची की पारदर्शिता, और बीएलओ की मौतें लोकतांत्रिक ढांचे पर सीधा प्रहार हैं, जिन पर देरी किए बिना बहस आवश्यक है।

मुआवजा, नौकरी और कार्रवाई की मांग

आप सांसद ने दिवंगत बीएलओ के परिवारों के लिए एक करोड़ रुपये का मुआवजा और एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की। उन्होंने SIR प्रक्रिया में अधिकारियों द्वारा कथित तौर पर उत्पीड़न और दबाव बनाने की शिकायतों की उच्चस्तरीय जांच की भी मांग की। उनका कहना है कि जो अधिकारी बीएलओ को गैरकानूनी या अनुपयुक्त आदेश दे रहे हैं, उन पर नरमी नहीं बरती जानी चाहिए।

इस मुद्दे पर विपक्ष पहले से ही हमलावर है, और AAP के साथ खड़े होने से सरकार पर और दबाव बढ़ गया है। कई राज्यों में आगामी चुनावों को देखते हुए मतदाता सूची की शुद्धता एक अत्यंत संवेदनशील मुद्दा बन गई है। अब सबकी नजर इस बात पर है कि पीठासीन अधिकारी और केंद्र सरकार नियम 267 के तहत इस चर्चा को मंजूरी देते हैं या नहीं। फिलहाल, AAP ने संकेत दिया है कि वह संसद के अंदर और बाहर दोनों जगह इस लड़ाई को आक्रामक रूप से आगे बढ़ाएगी। यह मामला अब केवल प्रशासनिक त्रुटि का नहीं, बल्कि देश की चुनावी प्रक्रिया की पवित्रता पर मंडराते खतरे का प्रतीक बन गया है।।


प्रिय पाठकों एवं दर्शकों, प्रतिदिन भारत सरकार , दिल्ली सरकार, राष्ट्रीय एवं दिल्ली राजनीति ,   दिल्ली मेट्रो, दिल्ली पुलिस तथा दिल्ली नगर निगम, NDMC, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्र की ताजा एवं बड़ी खबरें पढ़ने के लिए hindi.tennews.in : राष्ट्रीय न्यूज पोर्टल को विजिट करते रहे एवं अपनी ई मेल सबमिट कर सब्सक्राइब भी करे। विडियो न्यूज़ देखने के लिए TEN NEWS NATIONAL यूट्यूब चैनल को भी ज़रूर सब्सक्राइब करे।

टेन न्यूज हिंदी | Ten News English | New Delhi News | Greater Noida News | NOIDA News | Yamuna Expressway News | Jewar News | NOIDA Airport News.


Discover more from टेन न्यूज हिंदी

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

टिप्पणियाँ बंद हैं।