National News (30/11/2025): America में H-1B वीज़ा का इतिहास 1990 के इमिग्रेशन एक्ट से शुरू होता है, जब टेक्नोलॉजी सेक्टर तेजी से बढ़ रहा था और कंपनियों को ऐसे प्रोफेशनल्स की ज़रूरत थी जिनके पास हाई-लेवल तकनीकी कौशल हो। उस समय अमेरिका के भीतर इतनी बड़ी संख्या में स्किल्ड टैलेंट उपलब्ध नहीं था, इसलिए कंपनियों ने दुनिया भर से विशेषज्ञों को लाने के लिए H-1B जैसे टेम्पररी वीज़ा का इस्तेमाल किया। इसी वीज़ा के जरिए हर साल लगभग 85,000 विदेशी प्रोफेशनल्स आईटी, हेल्थकेयर, फाइनेंस और रिसर्च जैसे सेक्टर्स में काम करते हैं और आगे चलकर ग्रीन कार्ड के लिए भी आवेदन कर सकते हैं।
डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने इस व्यवस्था को ‘अमेरिकन वर्कर्स’ के हित में चुनौती दी। ट्रंप का मानना था कि H-1B सिस्टम का दुरुपयोग हो रहा है और कई कंपनियां कम वेतन पर विदेशी कर्मचारियों को रखकर अमेरिकी नागरिकों के रोजगार और मजदूरी पर असर डाल रही हैं। इसी सोच के तहत 2017 में “Buy American, Hire American” आदेश जारी किया गया, जिसने H-1B प्रक्रिया में व्यापक बदलावों की नींव रखी। इसके तहत उच्च वेतन और उच्च कौशल वाले आवेदकों को प्राथमिकता देने की नीति अपनाई गई, ताकि कंपनियां सिर्फ सस्ते लेबर के लिए विदेशी प्रोफेशनल्स न बुला सकें।
सरकार ने H-1B प्रक्रिया में धोखाधड़ी और दुरुपयोग रोकने के लिए कड़े कदम उठाए। थर्ड-पार्टी प्लेसमेंट्स पर निगरानी बढ़ाई गई और बड़ी संख्या में आवेदन भेजकर सिस्टम को ‘स्पैम’ करने वाली कंपनियों पर रोक लगाने के लिए कठोर नियम बनाए गए। साथ ही, रैंडम लॉटरी की जगह मेरिट-आधारित चयन प्रणाली लागू करने की दिशा में काम शुरू हुआ, जिसमें चयन का आधार वेतन स्तर और स्पेशलाइज़्ड स्किल्स बन गए।
हाल के वर्षों में अमेरिका में सेमीकंडक्टर और डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग जैसे क्षेत्रों में तेजी से निवेश और विस्तार ने नए संकट पैदा किए हैं। इन हाई-टेक इंडस्ट्रीज में तुरंत कुशल कर्मचारियों की मांग बढ़ी, जिसे अमेरिकी प्रतिभा पूल अकेले पूरा नहीं कर पा रहा है। इसी वजह से ट्रंप प्रशासन ने व्यावहारिक रवैया अपनाते हुए स्वीकार किया है कि नई फैक्ट्रियों और कॉम्प्लेक्स टेक्नोलॉजी सेटअप में शुरुआती चरणों में विदेशी विशेषज्ञों की जरूरत होगी। हालांकि सरकार का दावा है कि यह व्यवस्था अस्थायी होगी और लंबी अवधि में इन भूमिकाओं को अमेरिकी कर्मचारियों को सौंपने का लक्ष्य रखा गया है।
इन सभी बदलावों का मूल उद्देश्य अमेरिकी नौकरियों की सुरक्षा, वेतन स्तरों को स्थिर रखना और H-1B सिस्टम को “हाई-स्किल, हाई-वैल्यू टैलेंट” के लिए सुरक्षित बनाना बताया गया है — लेकिन टेक इंडस्ट्री का मानना है कि संतुलन बनाए रखना भविष्य की आर्थिक जरूरतों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
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