अगले CJI सूर्यकांत के शपथ ग्रहण समारोह में क्या होगा खास,1 दिसंबर को देंगे बड़ा सरप्राइज

टेन न्यूज नेटवर्क

New Delhi News (23 November 2025): सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत 24 नवंबर को देश के 53वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में शपथ लेने वाले हैं। शपथ से पहले उन्होंने मीडिया से बातचीत में बताया कि 1 दिसंबर को देश को बड़ा सरप्राइज देंगे। यह सरप्राइज सुप्रीम कोर्ट में केसों की लिस्टिंग व्यवस्था से जुड़ा होगा। उनका कहना है कि लिस्टिंग सिस्टम इतना पारदर्शी और प्रभावी बनाया जाएगा कि “हर कोई इसका स्वागत करेगा।”

जस्टिस सूर्यकांत ने साफ कहा कि उनका मुख्य फोकस पेंडिंग केसों की भारी संख्या घटाना होगा। वे उन मामलों पर विशेष ध्यान देंगे जो हाईकोर्ट में अंतिम चरण में पहुंचे थे लेकिन सुप्रीम कोर्ट में लंबित होने के कारण अटके पड़े हैं। उन्होंने कहा कि मेडिएशन को गेम चेंजर बनाया जा सकता है, क्योंकि इससे बड़ी संख्या में प्री-लिटिगेशन और पेंडिंग केस कोर्ट के बाहर ही सुलझाए जा सकते हैं, जिससे अदालतों पर बोझ कम होगा।

निजी अखबार के संवाददाता से बात करते हुए उन्होंने अपनी बकेटलिस्ट (प्राथमिकताएं) भी साझा कीं। इसमें देशभर में एरियर साफ करना, बड़ी कॉन्स्टिट्यूशनल बेंचों में फंसे महत्वपूर्ण मामलों को आगे बढ़ाना और डिजिटल कोर्ट–AI को सीमित लेकिन उपयोगी भूमिका में शामिल करना शामिल है। जस्टिस सूर्यकांत का कहना है कि AI न्याय व्यवस्था में मददगार साबित हो सकता है, लेकिन अंतिम फ़ैसला हमेशा “मानवीय न्यायालय” से ही आने की अपेक्षा होती है।

शपथ ग्रहण समारोह भी इस बार बेहद खास होगा। राष्ट्रपति भवन में होने वाले कार्यक्रम में ब्राजील, भूटान, केन्या, मलेशिया, मॉरिशस, नेपाल और श्रीलंका के चीफ जस्टिस अपने परिवार सहित शामिल होंगे। भारतीय न्यायपालिका के इतिहास में यह पहला अवसर होगा जब किसी CJI के शपथ ग्रहण में इतने देशों के मुख्य न्यायाधीश मौजूद रहेंगे।

जस्टिस सूर्यकांत के शपथ ग्रहण में उनके हिसार स्थित पेटवाड़ गांव का पूरा परिवार भी शामिल होगा। उनके तीनों भाई ऋषिकांत, शिवकांत और देवकांत को भी निमंत्रण मिला है। बड़े भाई मास्टर ऋषिकांत ने बताया कि परिवार एक दिन पहले दिल्ली पहुंचकर हरियाणा भवन में ठहरेगा। जस्टिस सूर्यकांत की पत्नी सविता सूर्यकांत इंग्लिश प्रोफेसर थीं और प्रिंसिपल पद से रिटायर हुई हैं। उनकी दो बेटियां मुग्धा और कनुप्रिया पढ़ाई कर रही हैं।

अपने कार्यकाल में जस्टिस सूर्यकांत कई बड़े फैसलों का हिस्सा रहे हैं। इनमें आर्टिकल 370 हटाने के फैसले को बरकरार रखना, 2017 में डेरा सच्चा सौदा से जुड़े हिंसा मामले पर सख्त आदेश, राजद्रोह कानून को स्थगित रखने का ऐतिहासिक निर्देश, बार एसोसिएशनों में एक-तिहाई महिला आरक्षण और AMU के अल्पसंख्यक दर्जे से जुड़े 7 जजों की बेंच का फैसला प्रमुख हैं। वे पेगासस स्पाइवेयर मामले की जांच कराने वाले आदेश का भी हिस्सा थे, जिसमें उन्होंने कहा था कि “राष्ट्रीय सुरक्षा की आड़ में पूर्ण छूट नहीं दी जा सकती।”

इसके अलावा, बिहार में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) से जुड़े मामले की सुनवाई करते हुए उन्होंने चुनाव आयोग को निर्देश दिया था कि ड्राफ्ट वोटर लिस्ट से हटाए गए 65 लाख नामों का पूरा विवरण सार्वजनिक किया जाए, ताकि पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके।

अब देश की सर्वोच्च अदालत की कमान संभालने जा रहे जस्टिस सूर्यकांत से न्यायिक व्यवस्था में गति, पारदर्शिता और डिजिटल सुधारों को लेकर बड़े बदलावों की उम्मीद की जा रही है।।


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