दिल्ली में GRAP- IV लागू?, CAQM ने जारी किया निर्देश

टेन न्यूज़ नेटवर्क

New Delhi News (19 November 2025): दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता लगातार बिगड़ने के बीच ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के चौथे चरण के लागू होने की चर्चाएं तेज थीं, लेकिन वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने इन दावों को पूरी तरह गलत बताया है। आयोग ने कहा कि कुछ टीवी चैनलों और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर प्रसारित रिपोर्ट झूठी हैं और जनता को भ्रमित कर रही हैं। सीएक्यूएम ने स्पष्ट किया कि अभी दिल्ली-एनसीआर में GRAP-4 लागू करने का कोई निर्णय नहीं लिया गया है। फिलहाल चरण-III के प्रावधान प्रभावी हैं और वही सख्ती जारी रहेगी। आयोग ने अपील की कि लोग किसी भी प्रकार की अनौपचारिक या अपुष्ट जानकारी पर भरोसा न करें।

आयोग ने बताया—कौन से नियम फिलहाल लागू हैं

सीएक्यूएम के मुताबिक GRAP-III अब भी पूरे दिल्ली-एनसीआर में लागू है और उसी के तहत गैर-जरूरी निर्माण कार्य, तोड़फोड़ गतिविधियां, और डीज़ल जनरेटर के उपयोग पर प्रतिबंध जारी है। इसके अलावा औद्योगिक इकाइयों को प्रदूषण नियंत्रण नियमों को और कड़ाई से लागू करने के निर्देश पहले ही दिए जा चुके हैं। सड़क सफाई, पानी के छिड़काव और धूल नियंत्रण के उपायों पर भी जोर बढ़ाया गया है। आयोग ने कहा कि मौजूदा हालात को देखते हुए GRAP-III को जारी रखना जरूरी है ताकि प्रदूषण स्तर अत्यधिक न बढ़े।

यदि GRAP-IV लागू हुआ तो कैसी पाबंदियां लगेंगी

हालांकि GRAP-4 अभी लागू नहीं है, लेकिन आयोग ने यह भी बताया कि यदि हालात और बिगड़ते हैं और AQI “Severe+” श्रेणी में 450 से ऊपर जाता है, तो कौन-कौन से प्रतिबंध लगाए जाएंगे। सबसे पहले दिल्ली में डीजल ट्रकों के प्रवेश पर तुरंत रोक लगाई जाएगी। इसके साथ ही दिल्ली के बाहर रजिस्टर्ड कई श्रेणी के पेट्रोल और डीजल वाहनों पर भी प्रतिबंध लागू होंगे। सड़क, फ्लाईओवर और सार्वजनिक परियोजनाओं से संबंधित सभी निर्माण और तोड़फोड़ गतिविधियां पूरी तरह बंद होंगी। यह उपाय मुख्य रूप से आपातकालीन स्तर पर प्रदूषण नियंत्रण को सुनिश्चित करने के लिए बनाए गए हैं।

आम जनता और स्कूलों पर दिखेगा बड़ा असर

GRAP-4 लागू होने की स्थिति में सरकारी और निजी दोनों कार्यालयों में कर्मचारियों के लिए 50% वर्क-फ्रॉम-होम लागू किया जा सकता है, जिससे सड़कों पर वाहनों की संख्या कम हो सके। साथ ही छात्रों की सुरक्षा को देखते हुए स्कूलों को ऑनलाइन कक्षाएं शुरू करने या फिजिकल क्लास रोकने का आदेश भी जारी किया जा सकता है। इन उपायों का उद्देश्य दैनिक गतिविधियों को प्रभावित किए बिना प्रदूषण के स्तर में तत्काल गिरावट लाना है। हालांकि, यह कदम तभी उठाए जाते हैं जब प्रदूषण बेहद खतरनाक स्थिति में पहुंच जाए।

वायु गुणवत्ता पर लगातार नजर रख रहा है आयोग

सीएक्यूएम ने कहा कि ग्रेप के हर चरण को वैज्ञानिक मूल्यांकन और रियल-टाइम प्रदूषण डेटा के आधार पर लागू किया जाता है। फिलहाल क्षेत्रीय AQI की मॉनिटरिंग चौबीसों घंटे की जा रही है और किसी भी गंभीर स्थिति में तुरंत निर्णय लेने की तैयारी पूरी है। आयोग ने कहा कि ग्रेप एक आपातकालीन ढांचा है, जिसका उद्देश्य जरूरत पड़ने पर सख्त और त्वरित कदम उठाना है ताकि लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा की जा सके। फिलहाल जनता को सलाह दी गई है कि वे केवल सीएक्यूएम के आधिकारिक अपडेट और प्रेस नोट्स पर ही भरोसा करें और प्रदूषण से बचाव के उपायों का पालन करें।।


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