New Delhi News (02 नवंबर 2025): जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) छात्र संघ चुनाव 2025 का माहौल अब पूरे जोरों पर है। रविवार रात 9 बजे अध्यक्ष पद के उम्मीदवारों के बीच होने वाली प्रेसीडेंशियल डिबेट को लेकर कैंपस में जबरदस्त उत्साह है। यह बहस न केवल विचारों का मंच बनेगी, बल्कि इससे चुनावी रुझान का भी संकेत मिल सकता है। तीन नवंबर को प्रचार अभियान समाप्त होगा, जबकि चार नवंबर को मतदान और छह नवंबर को नतीजों की घोषणा की जाएगी। इस बार मुकाबला मुख्य रूप से वामपंथी छात्र संगठनों और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के बीच कांटे का माना जा रहा है।
लेफ्ट यूनिटी की अध्यक्ष पद की उम्मीदवार अदिति ने अपने संबोधन में “राइट टू यूनियन” यानी छात्र संघ के अधिकार की रक्षा को अपनी प्राथमिकता बताया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन लगातार छात्रों के अधिकारों को सीमित करने का प्रयास कर रहे हैं। अदिति ने आरोप लगाया कि “देश की कई यूनिवर्सिटियों में छात्र यूनियन का अधिकार समाप्त किया जा चुका है, और अब जेएनयू में भी वैसी कोशिशें की जा रही हैं।” उन्होंने डेप्रिवेशन पॉइंट सिस्टम की महत्ता पर जोर देते हुए कहा कि यह व्यवस्था सामाजिक और आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को बराबरी का मौका देती है और इसे बनाए रखना बेहद जरूरी है।
अदिति ने विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा बनाई जा रही ‘एमसीएम फीस रेशनलाइजेशन कमेटी’ का विरोध करते हुए कहा कि यह कदम छात्रों के हितों के खिलाफ है और बिना उनकी जानकारी के उठाया गया है। उन्होंने कहा कि जेएनयू हमेशा प्रगतिशील और लोकतांत्रिक मूल्यों का गढ़ रहा है और इस चुनाव में छात्र एक बार फिर नफरत की राजनीति को खारिज करेंगे। अदिति ने भरोसा जताया कि छात्र लेफ्ट यूनिटी को समर्थन देंगे ताकि विश्वविद्यालय में समानता, विचार स्वतंत्रता और संवाद की परंपरा को कायम रखा जा सके।
वहीं एबीवीपी के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार विकास पटेल ने लेफ्ट संगठनों पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि “पिछले बारह वर्षों से लेफ्ट के शासन में जेएनयू की सड़कें, हॉस्टल, लाइब्रेरी और स्कॉलरशिप की स्थिति लगातार खराब हुई है।” विकास पटेल ने 2016 में एबीवीपी शासन के दौरान शुरू की गई सुविधाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि “वाई-फाई, सड़क निर्माण, बराक हॉस्टल का सुधार और यू-स्पेशल बस सेवा जैसी योजनाएं एबीवीपी की देन हैं।” उन्होंने कहा कि एबीवीपी का लक्ष्य जेएनयू को अधिक छात्र-हितैषी, सुरक्षित और आधुनिक बनाना है।
पटेल ने आगे बताया कि उन्होंने दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से मुलाकात कर कैंपस में ओपन जिम, हेल्थ सेंटर और छात्राओं के लिए सैनिटरी वेंडिंग मशीन लगाने का प्रस्ताव रखा है। इसके अलावा, उन्होंने जेएनयू को मेट्रो कनेक्टिविटी से जोड़ने और कैंपस के अंदर डीटीसी बसों को मुफ्त सेवा के रूप में चलाने की मांग की है। उनका कहना है कि एबीवीपी एक ऐसा जेएनयू बनाना चाहती है जहां हर छात्र सुरक्षित महसूस करे और शिक्षा के साथ-साथ राष्ट्र निर्माण में योगदान दे सके।
अब पूरे विश्वविद्यालय की निगाहें आज रात होने वाली प्रेसीडेंशियल डिबेट पर टिकी हैं। एक ओर लेफ्ट यूनिटी अधिकारों और लोकतंत्र की रक्षा का मुद्दा उठा रही है, वहीं दूसरी ओर एबीवीपी विकास और सुरक्षा को चुनावी एजेंडा बना रही है। यह बहस न केवल उम्मीदवारों के विज़न को सामने लाएगी, बल्कि संभवतः यह तय करेगी कि 2025 के जेएनयू छात्र संघ चुनाव में छात्रों का झुकाव किस दिशा में जाएगा।।
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