60% युवा मानसिक रोगों से ग्रसित: विशेषज्ञों ने क्या सलाह दी?

टेन न्यूज नेटवर्क

New Delhi News (09 October 2025): हर साल 10 अक्टूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है, लेकिन चिंता की बात यह है कि भारत में मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं। खासकर युवाओं में इसका प्रभाव सबसे ज्यादा देखा जा रहा है। बदलती जीवनशैली, तेज रफ्तार प्रतिस्पर्धा और सोशल मीडिया के दवाब ने युवाओं के मनोबल को गहराई से प्रभावित किया है। डॉक्टरों के अनुसार अब ओपीडी में आने वाले लगभग 60% मरीज 18 से 40 वर्ष के बीच के हैं।

युवाओं में डिप्रेशन के मामलों में बढ़ोतरी

विशेषज्ञों के अनुसार बीते कुछ वर्षों में मानसिक रोगियों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। ओपीडी में आने वाले आधे से अधिक मरीज युवा वर्ग के हैं। इनमें से अधिकतर मामलों में डिप्रेशन और एंजायटी जैसी समस्याएं देखी जा रही हैं। डॉक्टर के अनुसार, “लगातार बढ़ता तनाव, पारिवारिक असंतुलन और भविष्य की अनिश्चितता युवाओं के मनोस्वास्थ्य को सबसे अधिक प्रभावित कर रही है।” सोशल मीडिया युवाओं की तुलना की भावना को और बढ़ा रहा है। इंस्टाग्राम, स्नैपचैट और अन्य प्लेटफॉर्म्स पर दिखाई देने वाली चमकदार जिंदगी ने युवाओं के मन में असंतोष और हीनभावना पैदा कर दी है। इसके साथ ही, परिवार और समाज की अत्यधिक अपेक्षाएं भी युवाओं के आत्मविश्वास को कमजोर कर रही हैं। परिणामस्वरूप वे मानसिक रूप से टूटने लगते हैं और धीरे-धीरे डिप्रेशन या एंजायटी का शिकार हो जाते हैं।

एकल परिवारों और जेनेटिक कारणों की भूमिका

राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. आर.के. गुप्ता ने मीडिया को बताया कि बीते दशक में मानसिक रोगियों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है और इनमें से अधिकांश एकल परिवारों से आते हैं। उन्होंने बताया कि “जिन परिवारों में पहले से मानसिक बीमारी का इतिहास होता है, वहां बच्चों में डिप्रेशन का खतरा अधिक होता है।” गाजियाबाद जिले में हर दिन करीब ढाई सौ से अधिक मानसिक रोगी सरकारी स्वास्थ्य इकाइयों में इलाज के लिए आते हैं।

मानसिक बीमारी की पहचान और शुरुआती लक्षण

विशेषज्ञों के अनुसार मानसिक बीमारियों की पहचान जल्दी करना जरूरी है। लगातार मूड में उतार-चढ़ाव, नींद या भूख की आदतों में बदलाव, सामाजिक दूरी बनाना, और आत्महत्या के विचार आना गंभीर संकेत हैं। यदि इन लक्षणों की पहचान शुरुआती स्तर पर हो जाए तो समय पर इलाज से मरीज पूरी तरह ठीक हो सकता है। कई बार परिवार और दोस्तों की जागरूकता इस प्रक्रिया में अहम भूमिका निभाती है।

खुद को मानसिक रूप से स्वस्थ रखने के उपाय

विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि युवाओं को अपनी दिनचर्या को संतुलित रखना चाहिए। सोने, उठने और काम करने का समय नियमित होना चाहिए। खुद से और दूसरों से अत्यधिक अपेक्षाएं रखने से बचना चाहिए। साथ ही नियमित व्यायाम, ध्यान और डिजिटल डिटॉक्स अपनाने की सलाह दी जाती है। डॉक्टरों का कहना है कि यदि लंबे समय तक बेचैनी या उदासी महसूस हो तो तुरंत चिकित्सकीय सलाह लेना चाहिए।

स्वास्थ्य विभाग के प्रयास और जागरूकता अभियान

डॉ. आर.के. गुप्ता के अनुसार मानसिक स्वास्थ्य को लेकर गाजियाबाद में व्यापक स्तर पर जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। स्कूल-कॉलेजों और कार्यस्थलों पर मानसिक स्वास्थ्य कार्यशालाएं आयोजित की जा रही हैं। ग्रामीण इलाकों में 1300 से अधिक आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों को मानसिक स्वास्थ्य के महत्व के बारे में जानकारी दे रही हैं। यह पहल मानसिक स्वास्थ्य के प्रति समाज में संवेदनशीलता बढ़ाने का एक बड़ा कदम है।।


प्रिय पाठकों एवं दर्शकों, प्रतिदिन भारत सरकार , दिल्ली सरकार, राष्ट्रीय एवं दिल्ली राजनीति ,   दिल्ली मेट्रो, दिल्ली पुलिस तथा दिल्ली नगर निगम, NDMC, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्र की ताजा एवं बड़ी खबरें पढ़ने के लिए hindi.tennews.in : राष्ट्रीय न्यूज पोर्टल को विजिट करते रहे एवं अपनी ई मेल सबमिट कर सब्सक्राइब भी करे। विडियो न्यूज़ देखने के लिए TEN NEWS NATIONAL यूट्यूब चैनल को भी ज़रूर सब्सक्राइब करे।

टेन न्यूज हिंदी | Ten News English | New Delhi News | Greater Noida News | NOIDA News | Yamuna Expressway News | Jewar News | NOIDA Airport News.


Discover more from टेन न्यूज हिंदी

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

टिप्पणियाँ बंद हैं।