New Delhi News (15/09/2025): दिल्ली में भारी बारिश और हथिनीकुंड बैराज से छोड़े गए पानी के कारण सितंबर की शुरुआत में राजधानी के कई निचले इलाके बाढ़ से प्रभावित हुए। हजारों लोगों को अपने घर छोड़कर राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ी। इस स्थिति ने सरकार के सामने नया चैलेंज खड़ा कर दिया। अब भविष्य में ऐसे हालात न बनें, इसके लिए दिल्ली सरकार ने यमुना नदी के बाढ़ क्षेत्र (फ्लड प्लेन) का सीमांकन शुरू करने का बड़ा फैसला लिया है।
सरकार ने दिखाई सख्ती
दिल्ली के जलमंत्री प्रवेश वर्मा ने बताया कि यमुना नदी के बाढ़ क्षेत्र का सीमांकन पर्यावरण और सुरक्षा दोनों दृष्टियों से बेहद जरूरी कदम है। इससे न केवल अवैध निर्माणों पर रोक लगेगी बल्कि बाढ़ के समय जान-माल के नुकसान को भी कम किया जा सकेगा। सरकार का मानना है कि यह प्रक्रिया शहर के पारिस्थितिकी तंत्र को संतुलित रखने में भी अहम भूमिका निभाएगी।
सितंबर से शुरू होगी प्रक्रिया
दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) को आश्वस्त किया है कि यमुना नदी के बाढ़ क्षेत्र का सीमांकन इसी माह यानी सितंबर से शुरू कर दिया जाएगा। इसके लिए सबसे पहले फ्लड प्लेन की पहचान और चिह्नांकन होगा। अधिकारियों का कहना है कि एक बार सीमांकन हो जाने के बाद नदी के किनारे अवैध निर्माण पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिए जाएंगे।
100 साल के बाढ़ नियम पर आधारित सीमांकन
एनजीटी ने समिति गठित कर बाढ़ क्षेत्र को ‘100 वर्षों में एक बार’ आने वाली सबसे बड़ी बाढ़ के स्तर के आधार पर सीमांकित करने के निर्देश दिए हैं। इस नियम के मुताबिक उस बिंदु तक का क्षेत्र बाढ़ क्षेत्र माना जाएगा जहां तक नदी ने पिछले सौ वर्षों में विस्तार किया है। इसके साथ ही एक मीटर की समोच्च रेखा या बफर जोन भी तय किया जाएगा।
डीडीए करेगा घोषणा
दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) जल्द ही यमुना किनारे होर्डिंग लगाकर बाढ़ क्षेत्र की घोषणा करेगा। इस क्षेत्र को आधिकारिक तौर पर ‘नो-कंस्ट्रक्शन जोन’ घोषित कर दिया जाएगा। इसके बाद वहां रहना या निर्माण करना गैरकानूनी हो जाएगा। एनजीटी ने सरकार को स्पष्ट चेतावनी दी है कि इस बार सीमांकन की प्रक्रिया में कोई कमी न रहे।
वैज्ञानिक और कानूनी प्रक्रिया
पर्यावरण विशेषज्ञों के अनुसार बाढ़ क्षेत्र का सीमांकन एक वैज्ञानिक और कानूनी प्रक्रिया है। इसमें जीपीएस, जीआईएस और रिमोट सेंसिंग तकनीक का उपयोग किया जाता है ताकि सटीक सीमांकन हो सके। दिल्ली में इस क्षेत्र को डी-100 (D-100) के नाम से भी जाना जाता है, जो 100 साल में एक बार आने वाली बाढ़ की संभावना वाले इलाके को दर्शाता है।
क्यों जरूरी है सीमांकन
विशेषज्ञ बताते हैं कि यमुना का बाढ़ क्षेत्र एक प्राकृतिक स्पंज की तरह काम करता है। यह पानी को अवशोषित करके भूजल स्तर को रिचार्ज करता है। लेकिन पिछले कुछ दशकों में यहां अवैध कॉलोनियां और व्यावसायिक निर्माण बढ़ने से नदी का प्रवाह बाधित हुआ है। इसका नतीजा है कि बाढ़ का खतरा कई गुना बढ़ गया है।
क्या होंगे फायदे
सीमांकन के बाद सरकार अवैध कब्जों को हटाने में सक्षम होगी। इससे वेटलैंड्स और प्राकृतिक वनस्पति को भी संरक्षण मिलेगा। साथ ही, बाढ़ के समय जान-माल की हानि को रोका जा सकेगा। इसके अलावा यमुना का प्राकृतिक जल-प्रवाह बहाल होगा, जिससे भूजल स्तर सुधरेगा और पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
सामने हैं चुनौतियां
इस प्रक्रिया की सबसे बड़ी चुनौती अवैध निर्माणों को हटाना है। यमुना किनारे कई सालों से हजारों लोग रह रहे हैं। इनके पुनर्वास का मुद्दा सरकार के लिए एक बड़ी सामाजिक और राजनीतिक चुनौती बनेगा। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने हाल ही में कहा था कि प्रभावित लोगों के लिए पुनर्वास योजना बनाई जाएगी ताकि उन्हें न्याय मिल सके।
97 वर्ग किलोमीटर में फैला बाढ़ क्षेत्र
डीडीए के वर्ष 2024 के सर्वे के मुताबिक, दिल्ली में यमुना नदी के आसपास करीब 97 वर्ग किलोमीटर (9700 हेक्टेयर) क्षेत्र बाढ़ प्रभावित घोषित है। इसमें से लगभग 7000 हेक्टेयर क्षेत्र पर अवैध कब्जे पाए गए। यही लोग हर बार बाढ़ का सबसे ज्यादा खामियाजा भुगतते हैं। सरकार का लक्ष्य है कि सीमांकन के जरिए इस समस्या का स्थायी समाधान निकाला जाए।
प्रिय पाठकों एवं दर्शकों, प्रतिदिन भारत सरकार , दिल्ली सरकार, राष्ट्रीय एवं दिल्ली राजनीति , दिल्ली मेट्रो, दिल्ली पुलिस तथा दिल्ली नगर निगम, NDMC, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्र की ताजा एवं बड़ी खबरें पढ़ने के लिए hindi.tennews.in : राष्ट्रीय न्यूज पोर्टल को विजिट करते रहे एवं अपनी ई मेल सबमिट कर सब्सक्राइब भी करे। विडियो न्यूज़ देखने के लिए TEN NEWS NATIONAL यूट्यूब चैनल को भी ज़रूर सब्सक्राइब करे।
टेन न्यूज हिंदी | Ten News English | New Delhi News | Greater Noida News | NOIDA News | Yamuna Expressway News | Jewar News | NOIDA Airport News.
Discover more from टेन न्यूज हिंदी
Subscribe to get the latest posts sent to your email.
टिप्पणियाँ बंद हैं।