New Delhi News (07/09/2025): उत्तर भारत के कई राज्यों में लगातार बारिश से बाढ़ जैसी स्थिति बनी हुई है और जनजीवन अस्त-व्यस्त है। इस बीच राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (NMC) ने बड़ा निर्णय लेते हुए स्नातकोत्तर (PG) चिकित्सा छात्रों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में तैनात करने का निर्देश जारी किया है। आयोग ने स्पष्ट किया है कि यह तैनाती ‘जिला रेजीडेंसी कार्यक्रम’ (District Residency Programme-DRP) के तहत की जाएगी और इसे प्रशिक्षण का हिस्सा माना जाएगा।
जिला रेजीडेंसी कार्यक्रम से जोड़ा जाएगा अनुभव
NMC ने कहा कि PG छात्रों को आपदा प्रभावित क्षेत्रों में तैनाती से न केवल स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती मिलेगी, बल्कि यह उनके प्रशिक्षण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होगा। जिला रेजीडेंसी कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को क्षेत्रीय स्वास्थ्य चुनौतियों और जमीनी हकीकत को समझने का अवसर देना है। बाढ़ जैसी आपदाओं के समय यह अनुभव उनके लिए और भी अधिक प्रासंगिक हो जाता है।
स्वास्थ्य सेवाओं की तत्काल जरूरत
आयोग ने कहा कि इस समय उत्तरी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में राहत कार्यों के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं की भारी कमी महसूस की जा रही है। अस्पतालों पर दबाव बढ़ा हुआ है और प्रभावित इलाकों में चिकित्सा सहायता की मांग लगातार बढ़ रही है। ऐसे हालात में PG छात्रों की सक्रिय भूमिका स्वास्थ्य सेवाओं को तत्काल राहत देने में मददगार साबित होगी।
आपदा प्रबंधन में मिलेगा वास्तविक अनुभव
NMC के अनुसार, इस तैनाती से छात्रों को न केवल चिकित्सा सेवाओं में योगदान देने का मौका मिलेगा, बल्कि उन्हें आपदा प्रतिक्रिया, सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रबंधन और सामुदायिक सेवा का प्रत्यक्ष अनुभव भी मिलेगा। आयोग ने इसे “सीखने और सेवा दोनों का अद्वितीय अवसर” बताते हुए कहा कि यह अनुभव छात्रों के पेशेवर जीवन में अमूल्य योगदान देगा।
स्वेच्छा से सेवा देने की इच्छा
आयोग ने यह भी बताया कि कई स्नातकोत्तर चिकित्सकों ने स्वयं आगे आकर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सेवा देने की इच्छा जताई है। गृह मंत्रालय ने भी राज्यों से संसाधनों का अधिकतम उपयोग करते हुए स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने का आह्वान किया है। ऐसे में यह पहल राहत कार्यों में तेजी लाने और लोगों तक त्वरित मदद पहुंचाने में सहायक होगी।
छात्रों के लिए बहुमूल्य अवसर
NMC ने अपने नोटिफिकेशन में कहा कि यह पहल छात्रों के लिए एक बहुमूल्य अवसर है। परिपत्र में उल्लेख किया गया है कि सीखने और सेवा दोनों दृष्टिकोण से यह अनुभव स्नातकोत्तर प्रशिक्षण का अहम हिस्सा बनेगा। भविष्य में इन छात्रों को आपदा प्रबंधन और जनस्वास्थ्य नीतियों में बेहतर योगदान देने की क्षमता मिलेगी।
तैनाती संबंधी दिशा-निर्देश
आयोग ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के नोडल अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे स्थानीय आवश्यकताओं और प्राथमिकताओं के अनुसार PG छात्रों की DRP तैनाती सुनिश्चित करें। इस कदम से जहां छात्रों का व्यावहारिक प्रशिक्षण समृद्ध होगा, वहीं प्रभावित क्षेत्रों में चल रहे राहत और पुनर्वास कार्यों को भी मजबूती मिलेगी।
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