दिल्ली में गणेश चतुर्थी और दुर्गा पूजा के भव्य आयोजन को लेकर लेकर क्या है विशेष तैयारी?
टेन न्यूज़ नेटवर्क
New Delhi News (02/09/2025): दिल्ली में इस साल गणेश चतुर्थी और दुर्गा पूजा के दौरान मूर्तियों का विसर्जन यमुना नदी में नहीं होगा। दिल्ली सरकार ने पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए पूरे शहर में 80 से अधिक कृत्रिम तालाब बनाए हैं। इन तालाबों में मूर्तियों का विसर्जन किया जाएगा ताकि यमुना नदी को प्रदूषण से बचाया जा सके। पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने सोमवार को सभी 11 जिलों के जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस कर तैयारियों की समीक्षा की और साफ कहा कि सरकार का उद्देश्य आस्था और पर्यावरण दोनों की रक्षा करना है।
जिलों में तय की गई तालाबों की संख्या
दिल्ली सरकार ने अलग-अलग इलाकों में तालाबों का वितरण भी तय किया है। पश्चिमी दिल्ली में 20, पूर्वी दिल्ली में 16, उत्तर-पश्चिम में 12, दक्षिण-पूर्व में 9, दक्षिण-पश्चिम में 7, शाहदरा, दक्षिण और उत्तर-पूर्वी दिल्ली में 5-5, मध्य दिल्ली में 4 और उत्तर दिल्ली में 1 कृत्रिम तालाब बनाया जा रहा है। इन तालाबों को इस तरह तैयार किया गया है कि श्रद्धालु आसानी से मूर्तियों का विसर्जन कर सकें और भीड़भाड़ से बचा जा सके।
यमुना प्रदूषण पर लगेगी रोक
गौरतलब है कि हर साल गणेश चतुर्थी और दुर्गा पूजा के दौरान हजारों मूर्तियां यमुना नदी में विसर्जित की जाती थीं, जिससे पानी में रसायन, प्लास्टर ऑफ पेरिस और रंग मिलकर नदी को गंभीर रूप से प्रदूषित करते थे। राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (NGT) और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) लगातार इस समस्या को रोकने के लिए विकल्प तलाश रहे थे। इस बार कृत्रिम तालाबों का निर्माण इसी दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
आस्था के साथ जिम्मेदारी पर जोर
पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा (Manjinder Singh Sirsa) ने कहा कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता (Rekha Gupta) के नेतृत्व में यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi)।के “विकसित दिल्ली” और “स्वच्छ पर्यावरण” विजन के अनुरूप है। उन्होंने कहा कि जब आस्था के साथ जिम्मेदारी जुड़ती है तो त्योहार और भी जीवंत हो जाते हैं और यमुना जैसी जीवनदायिनी नदी भी स्वच्छ बनी रहती है। सिरसा ने दिल्लीवासियों से अपील की कि वे इस अभियान में सहयोग दें और मूर्तियों का विसर्जन सिर्फ बनाए गए तालाबों में ही करें।
सुविधाओं से लैस होंगे विसर्जन स्थल
सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि श्रद्धालुओं को विसर्जन के दौरान किसी प्रकार की परेशानी न हो। सभी विसर्जन स्थलों पर एंबुलेंस और चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी। वहीं, दिल्ली पुलिस को ट्रैफिक प्रबंधन और भीड़ नियंत्रण की जिम्मेदारी दी गई है। विसर्जन समितियों से अपील की गई है कि वे पहले से अपने जुलूस मार्ग की जानकारी पुलिस को दें ताकि कहीं अव्यवस्था न हो।
पर्यावरण के अनुकूल उपयोग होगा तालाब का पानी
दिल्ली सरकार ने तालाबों के पानी के बाद उपयोग को भी ध्यान में रखा है। मूर्ति विसर्जन के बाद यह पानी सड़क की धूल कम करने और पार्कों की सिंचाई के लिए इस्तेमाल किया जाएगा, जिससे एक बूंद भी व्यर्थ न जाए। अधिकारियों का कहना है कि यह व्यवस्था न सिर्फ यमुना को प्रदूषण से बचाएगी बल्कि शहर में पानी के संरक्षण का भी अच्छा उदाहरण बनेगी। सरकार का दावा है कि यह पहल आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ यमुना और बेहतर पर्यावरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।।
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