दिल्ली सरकार ने रामलीला मंचन को दी बड़ी राहत, सिंगल विंडो सिस्टम और सिक्योरिटी राशि में कटौती
टेन न्यूज़ नेटवर्क
New Delhi News (13/08/2025): राजधानी दिल्ली में रामलीला मंचन को सुचारू और बिना बाधा संपन्न कराने के लिए दिल्ली सरकार ने कई बड़े निर्णय लिए हैं। नवरात्रि के अवसर पर होने वाले इन सांस्कृतिक आयोजनों को लेकर अब सभी अनुमतियां जिला स्तर पर डीएम कार्यालय से ही मिलेंगी। इसके लिए सिंगल विंडो सिस्टम बनाया जा रहा है, जिससे आयोजकों को अलग-अलग विभागों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। साथ ही, भूमि की सिक्योरिटी राशि को 20 रुपये प्रति वर्गमीटर से घटाकर 15 रुपये प्रति वर्गमीटर करने का भी फैसला लिया गया है।
यह अहम निर्णय उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना (Vinay Kumar Saxena) की अध्यक्षता में राजनिवास में हुई विशेष बैठक में लिया गया, जिसमें मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता (Rekha Gupta), दिल्ली रामलीला महासंघ के पदाधिकारी और विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि रामलीला मंचन के आयोजकों को पिछले वर्षों में जिन समस्याओं का सामना करना पड़ा, उनका समाधान इस बार समय रहते किया जाएगा।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बताया कि इस बार दिल्ली में रामलीलाओं का आयोजन 22 सितंबर से 2 अक्टूबर तक किया जाएगा। राजधानी में करीब 600 रामलीलाओं का मंचन होता है, जिनमें से 100 बड़ी रामलीलाएं भव्य स्तर पर आयोजित होती हैं। उन्होंने कहा कि रामलीला दिल्ली की सांस्कृतिक और धार्मिक परंपरा का अहम हिस्सा है और इसे बिना किसी रुकावट के संपन्न कराना सरकार की जिम्मेदारी है।
मुख्यमंत्री ने माना कि पिछले वर्षों में जमीन आवंटन में देरी, विभिन्न विभागों से एनओसी लेने में अड़चनें और अन्य प्रशासनिक समस्याएं आयोजकों के लिए बड़ी चुनौती बन गई थीं। अब डीएम की अगुवाई में सिंगल विंडो सिस्टम के तहत सभी तरह की अनुमतियां एक ही जगह से जारी होंगी, जिससे समय और संसाधन दोनों की बचत होगी।
बैठक में मनोरंजन स्थलों के क्षेत्रफल में भी बढ़ोतरी का फैसला किया गया है। अब कुल आवंटित क्षेत्रफल का 40 प्रतिशत हिस्सा झूले और खाने-पीने के स्टॉल जैसे मनोरंजन स्थलों के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा, जबकि पहले यह सीमा 25 प्रतिशत थी। इस बदलाव से आयोजकों को अधिक लचीलापन मिलेगा और दर्शकों के लिए सुविधाएं बढ़ेंगी।

मनोरंजन स्थलों पर होने वाले विवादों को लेकर भी नई व्यवस्था की गई है। इसके लिए डीडीए के उप-निदेशक स्तर के एक अधिकारी और दिल्ली रामलीला महासंघ के दो पदाधिकारियों की एक विशेष समिति बनाई गई है। यह समिति जरूरत पड़ने पर विभिन्न विभागों से समन्वय कर विवादों का समय पर निपटारा करेगी, ताकि आयोजन प्रभावित न हों।
रामलीला आयोजकों ने दिल्ली सरकार से अनुरोध किया था कि मंचन स्थलों पर एंबुलेंस उपलब्ध कराई जाए। मुख्यमंत्री ने इस सुझाव को स्वीकार करते हुए आश्वासन दिया कि इस बार सभी बड़े रामलीला स्थलों पर एंबुलेंस की सुविधा दी जाएगी, जिससे किसी भी आपात स्थिति में तुरंत चिकित्सा सहायता मिल सके।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि भगवान श्रीराम के प्रति दिल्लीवासियों की गहरी आस्था है और रामलीला न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह सांस्कृतिक विरासत को भी जीवंत रखती है। उन्होंने विश्वास जताया कि सरकार के इन फैसलों से न केवल परंपरा का संरक्षण होगा, बल्कि सामाजिक एकता और सामूहिक सहभागिता भी मजबूत होगी।
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