दिल्ली के LG ने केजरीवाल को लिखा पत्र, क्या लिख दिया चुनाव से पहले इस पत्र में?

टेन न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली (23 दिसंबर, 2024): दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) विनय कुमार सक्सेना ने पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर दिल्ली में नागरिक सुविधाओं की बदहाल स्थिति पर गंभीर चिंता जताई है। उपराज्यपाल ने इस पत्र में सीधा सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार अब तक इन मुद्दों पर कोई ठोस कदम क्यों नहीं उठा सकी।

उपराज्यपाल ने पत्र में लिखा, “शुक्र है कि 10 वर्षों के बाद ही सही, दिल्ली में व्यापक बदहाली और नारकीय ‘नागरिक सुविधाओं’ के प्रति आपकी आँखें खुली। आपने ‘X’ पर आज जो पोस्ट में ‘हमारी टीम’ का जिक्र किया है, यह वही अधिकारी/विभाग है, जो मेरे साथ 21.12.2024 को यमुना और कापसहेड़ा के दौरे पर गए थे और जिनसे मैंने समस्याओं के समाधान का अनुरोध किया था।”

उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री को खुद शहर के विभिन्न इलाकों का दौरा करना चाहिए था, जहां स्थिति बेहद खराब है। “बेहतर होता यदि आप गोविंदपुरी, संगम विहार, गोकुलपुरी, मुंडका, नांगलोई और अन्य इलाकों का दौरा करते और इन जगहों पर वास्तविक समस्याओं को देखते।”

पत्र में शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे की खामियों का विस्तार से जिक्र किया गया है। उपराज्यपाल ने सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी, अस्पतालों में दवाओं की अनुपलब्धता, पानी की किल्लत, और सड़कों की खराब हालत को लेकर दिल्ली सरकार पर सवाल उठाए। उन्होंने लिखा, “दिल्ली के स्कूलों में नियमित शिक्षकों की भारी कमी है, मोहल्ला क्लीनिकों में दवाएं उपलब्ध नहीं हैं, और अस्पतालों में देरी से निर्माण के कारण हजारों करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है।”

सक्सेना ने यमुना प्रदूषण और नजफगढ़ नाले की सफाई का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा, “आपको याद होगा कि मैंने कई अवसरों पर लिखित रूप से और व्यक्तिगत चर्चा में इन समस्याओं की ओर आपका ध्यान आकर्षित किया, लेकिन इन पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।”

हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि यह खुशी की बात है कि सरकार ने अब इन मुद्दों पर ध्यान देना शुरू किया है। “मुझे खुशी है कि अब आप अपनी जिम्मेदारियों का संज्ञान लेने लगे हैं और दिल्ली की बदतर स्थिति और लोगों की पीड़ा और बेबसी आपको नजर आने लगी है। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि आगे भी इन मुद्दों पर आपका ध्यान आकर्षित करता रहूंगा।”

इस पत्र को राजनीतिक गलियारों में एक कड़ा संदेश माना जा रहा है, जो दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच बढ़ती खींचतान को उजागर करता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह पत्र दिल्ली की राजनीतिक स्थिति को और अधिक गरमा सकता है।


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