किसान को पीटने वाले लेखपाल के खिलाफ किसान संगठनों ने खोला मोर्चा, पवन खटाना ने कर दी बड़ी मांग!
टेन न्यूज नेटवर्क
ग्रेटर नोएडा (28 मई 2025): गौतमबुद्ध नगर में एक किसान के साथ हुई मारपीट की घटना ने किसानों के बीच भारी रोष पैदा कर दिया है। सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में एक लेखपाल द्वारा किसान के साथ की गई बर्बरता को लेकर भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) सहित कई किसान संगठनों ने जिला प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इस घटना को लेकर भाकियू के प्रदेश अध्यक्ष पवन खटाना ने बुधवार को ग्रेटर नोएडा स्थित तहसील सदन में टेन न्यूज नेटवर्क से बातचीत करते हुए प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए और दोषियों पर तत्काल सख्त कार्रवाई की मांग की।
क्या है मामला?
एक किसान, जो भूमि पैमाइश से संबंधित शिकायत लेकर लेखपाल से संपर्क में था, उसे कथित तौर पर लेखपाल सुनील चौधरी, कानूनगो केपी यादव और लेखपाल डीपी शर्मा ने न केवल अभद्र भाषा में बात की, बल्कि उसके साथ मारपीट, लूटपाट और जान से मारने की धमकी भी दी।
खटाना ने बताया कि जब किसान ने भ्रष्टाचार के विरुद्ध आवाज़ उठाई और वरिष्ठ अधिकारियों से मिलने की बात कही, तो उसे जानबूझकर डराया-धमकाया गया। उसके मोबाइल फोन को जब्त करने की कोशिश की गई ताकि मारपीट का वीडियो डिलीट किया जा सके, लेकिन फोन लॉक होने के कारण वीडियो डिलीट नहीं हो सका और वही वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है।
पवन खटाना का बयान:
किसानों को संबोधित करते हुए पवन खटाना ने कहा, यह मामला सिर्फ एक किसान का नहीं है, यह पूरे किसान समाज की गरिमा पर हमला है। जो लोग खुद को किसान हितैषी बताते हैं, आज उनके असली चेहरे उजागर हो रहे हैं। लेखपाल की यह हिम्मत कैसे हुई कि वह एक किसान पर हाथ उठाए?
उन्होंने यह भी कहा कि यह मुद्दा अब ‘व्यक्तिगत’ नहीं, बल्कि ‘सामूहिक आंदोलन’ का विषय बन गया है, और यदि प्रशासन ने समय रहते कार्रवाई नहीं की, तो यह आंदोलन राज्यव्यापी रूप ले सकता है।
प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल
इस गंभीर मामले के बाद एसडीएम चारुल यादव द्वारा आरोपी लेखपाल को केवल “कार्यमुक्त” कर देना किसान संगठनों के लिए अपमानजनक प्रतीत हो रहा है। खटाना ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, क्या यही न्याय है? जिसने किसान को मारा, उसे घर भेज दिया गया? जेल में कैदी गलत करता है, तो उसकी सजा बढ़ा दी जाती है। लेकिन यहां दोषी अधिकारी को छुट्टी दे दी गई। यह तो भ्रष्टाचारियों को प्रोत्साहित करने जैसा है।
किसानों की मांगें:
किसान संगठनों ने प्रशासन के समक्ष निम्नलिखित प्रमुख मांगें रखी हैं:
आरोपी लेखपालों के खिलाफ धारा 307 (हत्या का प्रयास), धारा 392 (लूटपाट) और अन्य संबंधित धाराओं के तहत आपराधिक मुकदमा दर्ज किया जाए।
संबंधित अधिकारियों को तत्काल निलंबित (सस्पेंड) किया जाए।
घटना की स्वतंत्र और निष्पक्ष न्यायिक जांच कराई जाए।
भूमि मापन और राजस्व से जुड़ी शिकायतों का समयबद्ध और पारदर्शी निस्तारण सुनिश्चित किया जाए।
वीडियो बना साक्ष्य, डिलीट करने की कोशिश नाकाम
घटना के समय पीड़ित किसान ने अपने मोबाइल फोन में पूरा घटनाक्रम रिकॉर्ड किया था। लेखपालों ने वीडियो डिलीट करने की कोशिश की, लेकिन पासवर्ड लॉक के चलते वे असफल रहे। यही वीडियो अब किसानों के आक्रोश की वजह बन गया है।
संगठनों की एकजुटता और चेतावनी
घटना के विरोध में भाकियू सहित विभिन्न किसान संगठनों ने तहसील परिसर में धरना प्रदर्शन किया और चेतावनी दी कि यदि कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन और भी तेज़ किया जाएगा। पंचायत में यह भी प्रस्ताव पास हुआ कि आगे ऐसी किसी घटना की पुनरावृत्ति रोकने के लिए स्थायी निगरानी समिति बनाई जाए। यह मामला प्रशासनिक तंत्र और किसान समाज के बीच भरोसे की बड़ी खाई को दर्शाता है। यदि दोषियों के खिलाफ शीघ्र और कड़ी कार्रवाई नहीं की गई, तो यह असंतोष किसी बड़े राज्यव्यापी किसान आंदोलन का रूप ले सकता है।
प्रिय पाठकों एवं दर्शकों, प्रतिदिन नई दिल्ली, दिल्ली सरकार, दिल्ली राजनीति, दिल्ली मेट्रो, दिल्ली पुलिस, दिल्ली नगर निगम, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्र की ताजा एवं बड़ी खबरें पढ़ने के लिए hindi.tennews.in : राष्ट्रीय न्यूज पोर्टल को विजिट करते रहे एवं अपनी ई मेल सबमिट कर सब्सक्राइब भी करे। विडियो न्यूज़ देखने के लिए TEN NEWS NATIONAL यूट्यूब चैनल को भी ज़रूर सब्सक्राइब करे।
Discover more from टेन न्यूज हिंदी
Subscribe to get the latest posts sent to your email.
टिप्पणियाँ बंद हैं।