डीएनए विवाद पर समाजवादी पार्टी और उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के बीच ट्विटर वॉर तेज, आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी

टेन न्यूज़ नेटवर्क

लखनऊ (19 मई 2025): उत्तर प्रदेश की राजनीति में इन दिनों “डीएनए” विवाद गरमाया हुआ है। डीएनए विवाद पर समाजवादी पार्टी और उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के बीच सोशल मीडिया पर तीखी बहस छिड़ी हुई है। सपा ने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट से एक विवादास्पद टिप्पणी करते हुए ब्रजेश पाठक पर निजी हमला किया, वहीं उपमुख्यमंत्री ने एक लंबा और सटीक जवाब देकर सपा की राजनीतिक सोच पर सवाल खड़े कर दिए।

सपा का तीखा हमला, ब्रजेश पाठक से मांगी DNA रिपोर्ट

समाजवादी पार्टी ने ट्वीट करते हुए उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक पर कटाक्ष किया कि‌“बात-बात पर सपा के DNA पर बयानबाजी करने वाले ब्रजेश पाठक अपना DNA अवश्य चेक करवाएं और उसकी रिपोर्ट सोशल मीडिया पर जरूर डालें।” सपा ने अपने ट्वीट में यह भी लिखा कि ब्रजेश पाठक इतने दल बदल चुके हैं कि उन्हें खुद नहीं पता उनका असली DNA क्या है। ट्वीट में आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग करते हुए उनके डीएनए की तुलना रेड लाइट इलाकों से की गई, जिसे लेकर तीखी प्रतिक्रिया सामने आई।

ब्रजेश पाठक का करारा जवाब: “DNA की बात राजनीतिक सोच की है, व्यक्ति विशेष की नहीं”

इस ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए ब्रजेश पाठक ने अपने एक्स अकाउंट से विस्तृत बयान जारी किया। उन्होंने कहा‌ “मैंने ये कह क्या दिया कि सपा के डीएनए में खराबी है, आप उसी तरह आपे से बाहर हो गए जैसे सत्ता से बाहर हो गए थे। हमारा मतलब किसी व्यक्ति से नहीं, बल्कि आपकी पार्टी की राजनीतिक सोच से है।” पाठक ने सपा की राजनीति को जातिवाद और तुष्टीकरण पर आधारित बताया और आरोप लगाया कि पार्टी का असली डीएनए मुस्लिम तुष्टिकरण है। उन्होंने आरोप लगाया कि सपा की नीतियां वोटबैंक केंद्रित रही हैं, न कि सबका साथ-सबका विकास की भावना पर आधारित।

आगे उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि पूर्व सपा सरकार पर आतंकियों के केस वापस लेने, दलितों के साथ अन्याय और समाज में विभाजन बढ़ाने जैसे गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा “आपकी पार्टी का डीएनए सत्ता के लिए समाज को बांटने में यक़ीन रखता है। जाति, धर्म और वर्ग को देख कर राजनीति करता है।”

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ब्रजेश पाठक ने समाजवादी पार्टी पर साहित्यिक तंज करते हुए अंत में मिर्ज़ा ग़ालिब का शेर लिखा:

“उम्र भर ग़ालिब यही भूल करता रहा,
धूल चेहरे पे थी आइना साफ़ करता रहा।”

राजनीतिक गलियारों में चर्चा गर्म

यह ट्विटर वॉर अब प्रदेश की सियासत का अहम मुद्दा बन गया है। राजनीतिक विश्लेषक इसे 2027 विधानसभा चुनावों की तैयारी में शुरू हुई तीखी शब्दों की लड़ाई का आगाज़ मान रहे हैं। अब देखना होगा कि समाजवादी पार्टी ब्रजेश पाठक के इस जवाब पर क्या प्रतिक्रिया देती है।।


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