पतवाड़ी गांव में हिस्ट्रीशीटर का कहर: परिवार पर हमला, पुलिस पर गंभीर आरोप!

टेन न्यूज नेटवर्क

ग्रेटर नोएडा (14 दिसंबर 2024): ग्रेटर नोएडा वेस्ट के बिसरख थाना क्षेत्र के पतवाड़ी गांव में हिस्ट्रीशीटर द्वारा एक परिवार पर हमला किए जाने का मामला सामने आया है। पीड़ित परिवार ने पुलिस पर आरोपी को पनाह देने और कार्रवाई में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। घटना के बाद से ग्रामीणों में भारी आक्रोश है, और उन्होंने पलायन करने की चेतावनी दी है।

11 दिसंबर की रात पतवाड़ी गांव में रहने वाले ललित यादव और उनके परिवार पर जानलेवा हमला किया गया। ललित के अनुसार, गांव का ही निवासी कालू यादव शराब के नशे में उनके घर में घुस आया था। जब परिवार ने उसे रोका और समझाकर घर से बाहर भेजा, तो कालू यादव ने इसका बदला लेने के लिए देर रात अपने हिस्ट्रीशीटर भाई डीपी यादव उर्फ दीपक यादव, रघुबीर यादव, अंकित और कुनाल सहित कई अन्य लोगों के साथ ललित के घर पर धावा बोल दिया। आरोपियों ने घर पर पथराव करने के साथ-साथ लाठी-डंडों से ललित, उनके भाई सोनू और मां सहित परिवार के अन्य सदस्यों को बेरहमी से पीटा। घटना में कई लोग घायल हुए हैं। इसके बाद आरोपियों ने परिवार को जान से मारने की धमकी दी और फरार हो गए। यह पूरी घटना घर के पास लगे सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हो गई है।

पीड़ित परिवार का कहना है कि उन्होंने घटना की सूचना तुरंत पुलिस को दी, लेकिन अब तक इस मामले में एफआईआर दर्ज नहीं की गई है। ग्रामीणों का आरोप है कि बिसरख थाना प्रभारी मनोज कुमार ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। परिवार का यह भी कहना है कि आरोपियों को पकड़ने के लिए कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।

गांव के निवासियों ने थाना प्रभारी मनोज कुमार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि मनोज कुमार हिस्ट्रीशीटर डीपी यादव और उसके साथियों को संरक्षण देते हैं, जिससे अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। गांव के एक निवासी जितेंद्र ने कहा, “महिलाएं यहां असुरक्षित महसूस कर रही हैं। बदमाश घरों में घुसकर वारदात को अंजाम देते हैं, और पुलिस मूकदर्शक बनी रहती है।”घटना के बाद से गांव में भय और आक्रोश का माहौल है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर पुलिस प्रशासन ने समय रहते कार्रवाई नहीं की, तो वे गांव छोड़ने पर मजबूर हो जाएंगे।

ग्रामीणों का आरोप है कि थाना प्रभारी का गैरजिम्मेदार रवैया अपराधियों को बढ़ावा दे रहा है। घटना ने पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना यह है कि प्रशासन कब तक दोषियों पर कार्रवाई करता है और ग्रामीणों के भय और आक्रोश को शांत कर पाता है।

इस मामले में टेन न्यूज नेटवर्क की टीम ने बिसरख कोतवाली से बातचीत करने की कोशिश की , लेकिन वहां से कोई जवाब नहीं दिया गया है।।


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