Operation Sindoor Press Conference | भारत किसी भी कीमत पर आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा: भारतीय सेना

टेन न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली (07 मई 2025): भारतीय सेना ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान 7 मई की सुबह आतंकवादियों के खिलाफ किए गए ऑपरेशन ‘सिंदूर’ (Operation Sindoor) से देश को अवगत कराया, जिसमें 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद की कार्रवाई की जानकारी दी गई। सेना की ओर से आयोजित इस प्रेस कॉन्फ्रेंस को भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री ने संबोधित किया। मिस्त्री ने स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई आत्मरक्षा में उठाया गया एक जिम्मेदार और संतुलित कदम है, जिसका उद्देश्य सीमा पार आतंकवाद को निर्णायक रूप से जवाब देना था। 23 अप्रैल को भारत सरकार द्वारा पाकिस्तान के साथ संबंधों को लेकर जो निर्णय लिए गए थे, उनका जिक्र करते हुए सेना ने कहा कि इन निर्णयों के बावजूद पाकिस्तान ने अपने क्षेत्र में आतंकवाद के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाया। इसके विपरीत, पाकिस्तान अब भी इनकार करने और झूठे आरोप लगाने की नीति पर अड़ा हुआ है।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह भी बताया गया कि भारत के पास ऐसी ठोस खुफिया जानकारी थी कि पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी भारत में और हमलों की योजना बना रहे हैं। ऐसे में भारत के लिए यह आवश्यक हो गया कि वह न केवल संभावित हमलों को रोके, बल्कि आतंकी ढांचे को नष्ट कर उन प्रयासों को विफल करे। इसी उद्देश्य से भारतीय सेना ने आज सुबह नियंत्रण रेखा के पार लक्षित कार्रवाई की। इस ऑपरेशन के दौरान ऐसे आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया, जिनका प्रयोग भारत में आतंकवाद फैलाने के लिए किया जा रहा था। सेना ने इस बात पर जोर दिया कि यह कार्रवाई पूरी तरह सीमित, संयमित और अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के अनुरूप थी।

सेना ने अपने बयान में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के 25 अप्रैल को जारी उस प्रेस वक्तव्य का भी उल्लेख किया जिसमें पहलगाम आतंकी हमले की निंदा करते हुए हमलावरों, योजनाकारों और प्रायोजकों को न्याय के कठघरे में लाने की अपील की गई थी। भारतीय सेना की कार्रवाई को इसी वैश्विक रुख की एक कड़ी बताया गया, जिसमें आतंकवाद के विरुद्ध अंतरराष्ट्रीय सहयोग और जवाबदेही को प्राथमिकता दी गई है। सेना ने यह भी कहा कि भारत का उद्देश्य सिर्फ प्रतिशोध नहीं बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में पहलगाम हमले के वीभत्स स्वरूप पर भी प्रकाश डाला गया। सेना के अनुसार, 22 अप्रैल को लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े पाकिस्तान प्रशिक्षित आतंकवादियों ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में भारतीय और नेपाली पर्यटकों पर क्रूरतापूर्वक हमला किया था। इस हमले में कुल 26 निर्दोष लोगों की जान गई, जिनमें एक नेपाली नागरिक भी शामिल था। अधिकतर पीड़ितों की हत्या सिर पर पास से गोली मारकर की गई, और परिवारजनों को जानबूझकर इस क्रूरता का गवाह बनाया गया ताकि डर और अस्थिरता का माहौल बनाया जा सके।

इस हमले का उद्देश्य जम्मू-कश्मीर में लौटती सामान्य स्थिति को फिर से बाधित करना और राज्य की अर्थव्यवस्था, विशेष रूप से पर्यटन उद्योग को नुकसान पहुंचाना था। पिछले वर्ष घाटी में रिकॉर्ड 2.3 करोड़ पर्यटक पहुंचे थे, जिससे विकास की नई संभावनाएं बनी थीं। आतंकियों की मंशा थी कि इस प्रगति को रोक कर जम्मू-कश्मीर को फिर से अस्थिर और पिछड़ा रखा जाए, जिससे पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित सीमा पार आतंकवाद के लिए उर्वर भूमि बनी रहे।

सेना ने यह स्पष्ट किया कि हमले की ज़िम्मेदारी ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ नामक संगठन ने ली है, जो लश्कर-ए-तैयबा का ही एक मुखौटा संगठन है। इस हमले के पीछे की मंशा भारत के लोगों के मन में डर बैठाने और पूरे राष्ट्र को उकसाने की थी। हालांकि भारत सरकार और जनता ने एकजुटता के साथ इस चुनौती का सामना किया और आतंकियों के मंसूबों को नाकाम कर दिया। ऑपरेशन सिंदूर इस दृढ़ता का प्रमाण है कि भारत किसी भी कीमत पर आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा।


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