गंगा एक्सप्रेसवे बना वायुसेना की शक्ति प्रदर्शन का मंच, नाइट लैंडिंग का हुआ अभ्यास
टेन न्यूज़ नेटवर्क
उत्तर प्रदेश (02 मई 2025): उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में स्थित गंगा एक्सप्रेसवे की हवाई पट्टी पर आज नया इतिहास रच दिया है। भारतीय वायुसेना ने पहली बार इस एक्सप्रेसवे पर अपने फाइटर जेट्स के नाइट ऑपरेशन का अभ्यास किया। राफेल, मिराज-2000 और जगुआर जैसे आधुनिक युद्धक विमानों ने यहां अभ्यास उड़ान भरी। यह देश का पहला मौका है जब किसी एक्सप्रेसवे पर रात में इस स्तर का मिलिट्री एयर शो हो रहा है। गंगा एक्सप्रेसवे अब सिर्फ यातायात का मार्ग नहीं, बल्कि रणनीतिक सुरक्षा ढांचा भी बन चुका है। इस आयोजन ने देश की सैन्य तैयारी और तकनीकी क्षमता का प्रदर्शन किया।
पहली बार नाइट लैंडिंग का अभ्यास, ऐतिहासिक पल
भारतीय वायुसेना ने शाम 7 बजे से रात 10 बजे तक गंगा एक्सप्रेसवे की 3.5 किलोमीटर लंबी पट्टी पर नाइट लैंडिंग अभ्यास शुरू किया। यह नाइट विजन गाइडेड लैंडिंग भारत में एक्सप्रेसवे पर पहली बार हुआ है। अभ्यास में विमानों ने “टच एंड गो” तकनीक का भी प्रदर्शन किया, जिसमें विमान पट्टी पर उतरते हैं और तुरंत उड़ान भरते हैं। इस अद्वितीय सैन्य शो को देखने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी पहुंचे। देश की सुरक्षा नीति में यह अभ्यास एक नए युग की शुरुआत माना जा रहा है।
राफेल, मिराज और जगुआर ने बढ़ाया गौरव
भारतीय वायुसेना के इस अभ्यास में तीन आधुनिक फाइटर जेट्स राफेल, मिराज-2000 और जगुआर शामिल हुए। इन विमानों ने दिन में एक्सप्रेसवे के ऊपर उड़ान भरी और रात में उच्च तकनीक से लैस लैंडिंग सिस्टम के जरिए उतरे। ये विमान बरेली स्थित वायुसेना स्टेशन से सीधे गंगा एक्सप्रेसवे पहुंचे। इन विमानों की गर्जना ने न केवल लोगों को रोमांचित किया बल्कि सैन्य क्षेत्र में भारत की उन्नति का प्रतीक भी बनी। स्थानीय नागरिकों और मेहमानों ने इस दृश्य को गौरवपूर्ण बताया।
हवाई पट्टी को वायुसेना ने लिया अपने नियंत्रण में
सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए भारतीय वायुसेना ने इस हवाई पट्टी को अपने पूर्ण नियंत्रण में ले लिया है। पूरे क्षेत्र में करीब 250 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि अभ्यास से पहले और दौरान हवाई पट्टी की तकनीकी जांच की गई। जिला प्रशासन के अनुसार एयर शो का आयोजन दिन और रात दोनों समय किया गया, जिससे विमान उतारने और उड़ाने की पूरी क्षमता का परीक्षण हो सके। भारतीय वायुसेना इस हवाई पट्टी का भविष्य में भी अभ्यास और आपातकालीन उपयोग के लिए उपयोग कर सकती है।
बरेली से आए फाइटर जेट्स ने किया प्रदर्शन
बरेली स्थित एयरफोर्स स्टेशन से आए इन लड़ाकू विमानों ने 1 मीटर की ऊंचाई पर हवाई पट्टी के ऊपर उड़ान भरी और फिर निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार लैंडिंग की। इसके बाद वे पुनः टेकऑफ कर आगे के अभ्यास के लिए रवाना हुए। शाम 7 बजे से रात 10 बजे तक ये अभ्यास लगातार चला। इस दौरान वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारी, तकनीकी स्टाफ और ज़िम्मेदार प्रशासनिक अधिकारी तैनात रहे। हर क्षण की बारीकी से निगरानी की गई, ताकि किसी प्रकार की चूक न हो।
प्रमुख नेताओं और अधिकारियों की मौजूदगी में हुआ आयोजन
इस एतिहासिक आयोजन के साक्षी बने उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना, सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौर और कई अन्य जनप्रतिनिधि। वायुसेना के शीर्ष अधिकारियों और टेक्निकल एक्सपर्ट्स की मौजूदगी ने कार्यक्रम को और भी अहम बना दिया। सभी ने इस आयोजन को भारत की सैन्य तैयारियों और सामरिक आत्मनिर्भरता का प्रतीक बताया। आने वाले समय में देशभर के अन्य एक्सप्रेसवे पर भी ऐसे अभ्यास किए जा सकते हैं। यह आयोजन ‘मेक इन इंडिया’ और ‘सुरक्षित भारत’ की दिशा में एक ठोस कदम माना जा रहा है।
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