नोएडा एयरपोर्ट को रेलवे से जोड़ेगा ग्राउंड रूट: यात्री और कार्गो कनेक्टिविटी होगी बेहतर
टेन न्यूज नेटवर्क
ग्रेटर नोएडा (13 दिसंबर 2024): नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करने के उद्देश्य से रेलवे नेटवर्क में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। रेलवे ट्रैक को भूमिगत बनाने के बजाय इसे जमीन पर ही विकसित करने का फैसला लिया गया है। यह नया रेलवे रूट एयरपोर्ट के दक्षिणी हिस्से से गुजरेगा और एयरपोर्ट के पांचों रनवे को एक ओर रखते हुए डिज़ाइन किया जाएगा। इस निर्णय से यात्रियों और कार्गो परिवहन दोनों में बड़े सुधार की उम्मीद है।
इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के लिए उत्तर मध्य रेलवे ने यमुना प्राधिकरण और एयरपोर्ट विकासकर्ता कंपनी यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड के साथ सहमति बना ली है। रेलवे ने परियोजना के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) भी तैयार कर ली है। इस रेलवे कनेक्टिविटी से नोएडा एयरपोर्ट को सड़क मार्ग के साथ-साथ रेल मार्ग से भी जोड़ा जाएगा, जिससे यात्रियों और माल ढुलाई में काफी सहूलियत होगी। नई योजना के तहत 61 किलोमीटर लंबा रेलवे ट्रैक बनाया जाएगा, जो हरियाणा के पलवल स्थित रुंधी स्टेशन से शुरू होकर नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से होते हुए दिल्ली-हावड़ा रेलवे रूट के चोला स्टेशन तक जाएगा। यह ट्रैक दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा जैसे प्रमुख रेल मार्गों को जोड़ने का काम करेगा।
इस रेलवे नेटवर्क का डिजाइन इस तरह से तैयार किया गया है कि यह नोएडा एयरपोर्ट के ग्राउंड ट्रांसपोर्टेशन हब का हिस्सा बने। इस हब से यात्रियों को एयरपोर्ट टर्मिनल तक पहुंचाने के लिए शटल बस जैसी सुविधाएं दी जाएंगी। इसके अलावा, यह ट्रैक कार्गो परिवहन के लिए भी उपयोगी साबित होगा। एयरपोर्ट से कार्गो की ढुलाई के लिए एक अलग मार्ग तैयार किया जाएगा, जो समय और लागत को कम करने में मदद करेगा।
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ग्राउंड ट्रांसपोर्टेशन सेंटर बनाया जाएगा, जो विभिन्न परिवहन माध्यमों को एकीकृत करेगा। इसमें सड़क मार्ग, नमो भारत रेल, और प्रस्तावित हाई-स्पीड रेल रूट को जोड़ा जाएगा। यह सेंटर एयरपोर्ट के दोनों रनवे के बीच भूमिगत रूप से स्थित होगा, जिससे यात्री और कार्गो प्रबंधन सुगम होगा।
भूमिगत रूट के बजाय ग्राउंड रूट पर निर्माण का यह निर्णय तकनीकी और आर्थिक पहलुओं को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। इससे निर्माण लागत में कमी आएगी और परियोजना तेजी से पूरी होगी। साथ ही, यह एयरपोर्ट को ट्रांसपोर्टेशन हब के रूप में विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह कदम क्षेत्र में आवागमन को बेहतर बनाने के साथ-साथ नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को एक विश्वस्तरीय कनेक्टिविटी मॉडल में बदलने की दिशा में बड़ा कदम साबित होगा।
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