ग्रेटर नोएडा में खुलेगा उत्तर भारत का सबसे बड़ा नेत्र संस्थान, अत्याधुनिक तकनीक से होगा इलाज
टेन न्यूज नेटवर्क
ग्रेटर नोएडा (11 दिसंबर 2024): ग्रेटर नोएडा के निवासियों को अब उन्नत नेत्र चिकित्सा सेवाओं के लिए दूर जाने की आवश्यकता नहीं होगी। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने नॉलेज पार्क-3 क्षेत्र में 7.5 एकड़ भूमि आवंटित कर भारतीय नेत्र संस्थान (इंडिया आई इंस्टीट्यूट) के निर्माण की योजना को मंजूरी दी है। यह संस्थान, जो अपने प्रकार का उत्तर भारत में सबसे बड़ा होगा, अत्याधुनिक सुविधाओं और तकनीक से सुसज्जित होगा। अस्पताल प्रबंधन ने भूमि पर कब्जा प्राप्त करने के बाद निर्माण प्रक्रिया शुरू करने की योजना तैयार कर ली है।
भारतीय नेत्र संस्थान को दक्षिण भारत के प्रमुख नेत्र चिकित्सा केंद्रों की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। यहां न केवल उच्च गुणवत्ता वाला नेत्र उपचार उपलब्ध होगा, बल्कि चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में भी इसे एक अग्रणी संस्थान के रूप में स्थापित करने की योजना है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना को विजन सोर्स एलएलपी कंपनी द्वारा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के माध्यम से शुरू किया जा रहा है।
संस्थान के सलाहकार राजीव सिंह ने बताया कि परियोजना के प्रथम चरण में 209 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। इस अस्पताल का भवन 11 मंजिला होगा और इसे अगले 2 से 2.5 वर्षों में पूरी तरह तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है। यहां अत्याधुनिक चिकित्सा उपकरणों और नवीनतम तकनीकों का इस्तेमाल किया जाएगा, जिससे मरीजों को विश्वस्तरीय नेत्र चिकित्सा सेवाएं प्रदान की जा सकें।
इस नेत्र संस्थान में जटिल से जटिल नेत्र रोगों का इलाज किया जाएगा। इसके साथ ही, यह केंद्र चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान के लिए भी एक प्रमुख स्थान होगा। प्रशिक्षण के माध्यम से यहां नए चिकित्सकों और विशेषज्ञों को तैयार किया जाएगा, जिससे नेत्र चिकित्सा क्षेत्र में और प्रगति होगी।
यह परियोजना न केवल ग्रेटर नोएडा बल्कि पूरे उत्तर भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। यह संस्थान क्षेत्र के निवासियों के लिए वरदान साबित होगा, क्योंकि उन्हें अब उन्नत नेत्र चिकित्सा के लिए लंबी दूरी तय नहीं करनी पड़ेगी। इसके अलावा, संस्थान के निर्माण और संचालन से सैकड़ों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे।
संस्थान का निर्माण कार्य अगले वर्ष से शुरू होने की संभावना है। प्राधिकरण द्वारा भूमि आवंटन के बाद अब प्रक्रिया को गति देने की योजना बनाई जा रही है। यह परियोजना उत्तर भारत में नेत्र चिकित्सा सेवाओं का चेहरा बदलने और इस क्षेत्र को चिकित्सा के क्षेत्र में एक नई पहचान देने की क्षमता रखती है।
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