WAQF Amendment Bill 2024: लोकसभा से देर रात पारित, अब राज्यसभा की बारी

टेन न्यूज़ नेटवर्क

नई दिल्ली (03 अप्रैल 2025): लोकसभा में बुधवार को देर रात वक्फ (संशोधन) विधेयक ( WAQF Amendment Bill), 2024 और मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक, 2024 को पारित कराए जाने के बाद अब सरकार इसे राज्यसभा में पास कराने की तैयारी कर रही है। लोकसभा में इस विधेयक के पक्ष में 288 वोट और विरोध में 232 वोट मिले।

दो अप्रैल बुधवार को दोपहर 12 बजे से लेकर रात 2:47 बजे तक बिल पर लगातार चर्चा चलती रही। इस दौरान सत्ता पक्ष ने बिल के समर्थन में और विपक्ष ने बिल के विरोध म कई खामियां रखी। हालांकि कानून मंत्री किरेन रिजिजू विपक्ष के हर सवालों का जवाब सदन में सार्थक चर्चा का स्वरूप प्रदान करने के लिए दिया। चर्चा के दौरान सदन में कई बार बीच-बीच में नोक झोंक देखने को मिला लेकिन सबसे अच्छी बात यह रही कि विपक्ष ने चर्चा के दौरान पूरे समय सदन उपस्थित रहने के निर्णय लिया था। चर्चा के दौरान एआइएमआइएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने बिल की कॉपी सदन में फाड़कर अपना विरोध दर्ज कराया। अंत में विधेयक पर मतदान कराने के बाद अध्यक्ष ने सभी सदस्यों को धन्यवाद करते हुए 2:47 बजे सुबह सदन को 11 बजे के लिए स्थगित कर दिया।

राज्यसभा में संख्याबल और एनडीए की स्थिति

राज्यसभा में कुल 236 सदस्य हैं, और किसी भी विधेयक को पारित कराने के लिए मौजूद और मतदान करने वाले सदस्यों में से बहुमत की आवश्यकता होगी। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पास राज्यसभा में 98 सांसद हैं। एनडीए की बात करें तो उसके पास कुल 125 सांसद हैं, जिनमें भाजपा के अलावा जेडीयू के 4, अजीत पवार की एनसीपी के 3, और टीडीपी के 2 सांसद शामिल हैं। संख्याबल को देखते हुए राज्यसभा में भी इस विधेयक को पारित कराने में एनडीए को कठिनाई नहीं होनी चाहिए। लोकसभा में जिस प्रकार एनडीए के सभी घटक दलों ने एकजुटता दिखाई, उससे साफ है कि राज्यसभा में भी वे इसी रणनीति को अपनाएंगे।

विपक्ष की प्रतिक्रिया और सरकार का रुख

लोकसभा में विधेयक पर चर्चा के दौरान विपक्षी दलों कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक और अन्य ने इसे असंवैधानिक करार दिया और दावा किया कि यह मुसलमानों की संपत्ति हड़पने का प्रयास है। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने इस दावे को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि यह विधेयक शिया और सुन्नी समुदाय समेत सभी वर्गों को एक साथ लाने का प्रयास है। उन्होंने जोर देकर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार सभी अल्पसंख्यकों, यहां तक कि पारसी समुदाय की भी सुरक्षा और संरक्षण के लिए काम कर रही है।

रिजिजू ने विपक्ष को निशाने पर लेते हुए कहा कि अल्पसंख्यक भारत में पूरी तरह सुरक्षित हैं और इस तरह के दावों से देश की छवि धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने विश्वास जताया कि विधेयक के पारित होने के बाद देश के करोड़ों मुसलमान प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद देंगे।

क्या होगा राज्यसभा में?

राज्यसभा में सरकार को विधेयक पारित कराने के लिए विपक्षी दलों के कुछ सदस्यों के समर्थन या अनुपस्थिति की भी जरूरत पड़ सकती है। हालांकि, भाजपा और उसके सहयोगी दलों के संख्याबल को देखते हुए यह संभावना प्रबल है कि विधेयक आसानी से पारित हो जाएगा। अब सभी की निगाहें राज्यसभा पर टिकी हैं, जहां जल्द ही इस विधेयक पर चर्चा और मतदान होगा


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