उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की अद्भुत झलक, भव्य कार्यक्रम का होगा आयोजन
टेन न्यूज नेटवर्क
ग्रेटर नोएडा (10 दिसंबर 2024): ग्रेटर नोएडा में उत्तराखंड सांस्कृतिक समिति द्वारा 15 दिसंबर को एक भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। यह कार्यक्रम उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर और परंपराओं को बढ़ावा देने और अगली पीढ़ी को इससे जोड़ने का एक विशेष प्रयास है। कार्यक्रम का आयोजन धर्म पब्लिक स्कूल के परिसर में दोपहर 2 बजे से किया जाएगा। इस अवसर पर प्रवासी उत्तराखंडियों को अपनी जड़ों से जुड़ने और अपनी संस्कृति के करीब आने का सुनहरा अवसर मिलेगा।
संस्था “हम उत्तराखंडी छां” के अध्यक्ष जेपीएस रावत ने जानकारी दी कि यह आयोजन विशेष रूप से युवा पीढ़ी को उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत से परिचित कराने के लिए किया जा रहा है। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उन परंपराओं और लोक कलाओं को प्रदर्शित करना है, जो धीरे-धीरे आधुनिकता की दौड़ में खोती जा रही हैं।
इस आयोजन में उत्तराखंड की वीरता और परंपराओं को नाट्य प्रस्तुतियों के माध्यम से जीवंत किया जाएगा। कार्यक्रम में वीर माधो सिंह भंडारी की शौर्यगाथा पर आधारित नृत्य नाटिका, “हम उत्तराखंडी छां” की विशेष प्रस्तुति और मां नन्दा देवी की राजयात्रा की झांकी प्रमुख आकर्षण होंगे।
कार्यक्रम में उत्तराखंड के प्रसिद्ध लोक कलाकार अपनी प्रस्तुतियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध करेंगे। इनमें सौरभ मैठाणी, ख़ुशी जोशी, पन्नू गुसाईं, शशि पाठक और किशोर कबड़वाल जैसे कलाकार शामिल हैं। इनके गीत और संगीत पहाड़ी संस्कृति की जीवंतता को प्रस्तुत करेंगे। कार्यक्रम का मंच संचालन हास्य और कला में माहिर पन्नू गुसाईं, डीएस नेगी और त्रिलोक पंवार करेंगे।
आयोजन के दौरान उत्तराखंड के पारंपरिक उत्पादों और व्यंजनों के विशेष स्टॉल भी लगाए जाएंगे। यहां आगंतुक पहाड़ी व्यंजनों का स्वाद लेने के साथ-साथ स्थानीय उत्पादों की खरीदारी कर सकेंगे। यह पहल न केवल सांस्कृतिक अपील को बढ़ावा देगी, बल्कि राज्य के छोटे उत्पादकों को भी प्रोत्साहन देगी।
कार्यक्रम में ग्रेटर नोएडा के स्कूलों के मेधावी उत्तराखंडी छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया जाएगा। साथ ही, संस्था की वार्षिक स्मारिका “देवभूमि स्मारिका – भाग 11” का विमोचन भी किया जाएगा। यह स्मारिका उत्तराखंड की समृद्ध संस्कृति, इतिहास और परंपराओं का दस्तावेज है।
यह आयोजन मनोरंजन के साथ-साथ सांस्कृतिक जागरूकता का भी माध्यम बनेगा। उत्तराखंड सांस्कृतिक समिति का यह प्रयास न केवल प्रवासी उत्तराखंडियों को उनकी जड़ों से जोड़ने का माध्यम बनेगा, बल्कि राज्य की गौरवशाली परंपराओं को सहेजने और नई पीढ़ी तक पहुंचाने का भी महत्वपूर्ण कदम है।
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