संयुक्त किसान मोर्चा और प्रशासन के बीच वार्ता: किसानों की रिहाई और समस्याओं पर बनी सहमति

टेन न्यूज नेटवर्क

ग्रेटर नोएडा (10 दिसंबर 2024): यमुना प्राधिकरण के सभागार में सोमवार को संयुक्त किसान मोर्चा के 15 घटक दलों के प्रमुखों और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। बैठक में प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास अनिल सागर, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, और यमुना प्राधिकरण के एसीईओ, एडिशनल कमिश्नर शिव हरी मीणा, और गौतमबुद्ध नगर के डीएम मनीष कुमार वर्मा उपस्थित रहे।

मुख्य मुद्दे और मांगें:

बैठक में संयुक्त किसान मोर्चा ने जेल में बंद किसानों और नेताओं की बिना शर्त रिहाई और महिलाओं व घर के सदस्यों के खिलाफ पुलिसिया प्रताड़ना पर तुरंत रोक लगाने की मांग को प्रमुखता से उठाया। मोर्चा ने जोर देकर कहा कि संवाद और वार्ता के माध्यम से ही समस्याओं का समाधान संभव है।

प्रशासन का रुख:

एडिशनल कमिश्नर शिव हरी मीणा और डीएम मनीष कुमार वर्मा ने आश्वासन दिया कि किसानों की रिहाई और पुलिस के अनुचित कदमों पर तुरंत कार्रवाई होगी। प्रमुख सचिव अनिल सागर ने आंदोलन से जुड़े मुद्दों पर गहन चर्चा का भरोसा दिलाया।

जेल में वार्ता की मांग:

संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि वार्ता प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए सबसे पहले जेल में बंद किसान नेताओं से मिलने का अवसर प्रदान किया जाए। यह कदम वार्ता के सकारात्मक माहौल को बनाए रखने के लिए जरूरी है।

संयुक्तता का प्रदर्शन:

हाल के दिनों में संयुक्त किसान मोर्चा में विभाजन की अफवाहों को आज की बैठक ने झूठा साबित कर दिया। बैठक में 15 से अधिक संगठन पूरे समर्थन और एकजुटता के साथ मौजूद रहे और भविष्य में भी साथ बने रहने की प्रतिबद्धता जताई।

आंदोलन की प्राथमिकता:

मोर्चा ने स्पष्ट किया कि उनकी पहली प्राथमिकता जेल में बंद नेताओं और किसानों को रिहा कराना है। इसके बाद आंदोलन के मूल मुद्दों को सुलझाने के लिए रणनीति बनाई जाएगी।

संयुक्त किसान मोर्चा को उम्मीद है कि प्रशासन और सरकार इस बैठक के बाद सकारात्मक रुख अपनाएंगे और संवाद के जरिए समस्याओं का समाधान करेंगे। मोर्चा ने यह भी कहा कि आंदोलन अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने तक जारी रहेगा।

यह बैठक किसानों और प्रशासन के बीच रिश्तों को सुधारने और आंदोलन को सही दिशा में ले जाने की ओर एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है।


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