इकोनॉमिक सर्वे 2024-25 पेश: GDP ग्रोथ में गिरावट, विकसित भारत के लिए 8% विकास दर जरूरी

टेन न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली (31 जनवरी 2025): 18वीं लोकसभा के बजट सत्र के पहले दिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इकोनॉमिक सर्वे 2024-25 पेश किया। इस सर्वे में अगले वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत की GDP ग्रोथ रेट 6.3% से 6.8% के बीच रहने का अनुमान लगाया गया है, जो पिछले चार वर्षों में सबसे कम विकास दर है। इससे पहले, 22 जुलाई 2024 को पेश किए गए आर्थिक सर्वे में चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए विकास दर 6.5% से 7% के बीच रहने की संभावना जताई गई थी।

विकसित भारत के लिए चाहिए 8% विकास दर

इकोनॉमिक सर्वे में 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए अगले एक से दो दशकों तक 8% की औसत वार्षिक विकास दर बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है। इसके साथ ही, सर्वे में यह भी चेतावनी दी गई है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के बढ़ते प्रभाव से रोजगार पर असर पड़ सकता है। सर्वे के मुताबिक, मौजूदा GDP ग्रोथ में गिरावट के लिए बाहरी आर्थिक चुनौतियां जिम्मेदार हैं, जिनमें वैश्विक अनिश्चितताएं और व्यापारिक बाधाएं शामिल हैं।

चीन पर निर्भरता और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की चुनौतियां

इकोनॉमिक सर्वे में चीन पर भारतीय मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की अधिक निर्भरता को लेकर भी चिंता जताई गई है। सर्वे के अनुसार, भारत को अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ाने और वैश्विक सप्लाई चेन में अपनी हिस्सेदारी मजबूत करने की जरूरत है, ताकि चीन पर निर्भरता कम हो सके।

GST कलेक्शन में 11% की बढ़ोतरी का अनुमान

वित्त मंत्रालय के अनुसार, चालू वित्त वर्ष 2024-25 में GST कलेक्शन में 11% की वृद्धि देखने को मिल सकती है। यह बढ़कर 10.62 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की संभावना है। दिसंबर 2024 में खुदरा महंगाई दर 5.22% रही, जो पिछले चार महीनों में सबसे निचले स्तर पर है। नवंबर 2024 में महंगाई दर 5.48% थी, जबकि अगस्त 2024 में यह 3.65% थी।

विदेशी मुद्रा भंडार में उतार-चढ़ाव

इकोनॉमिक सर्वे के मुताबिक, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार जनवरी 2024 के अंत में 616.7 अरब डॉलर था, जो सितंबर 2024 में बढ़कर 704.9 अरब डॉलर तक पहुंच गया। हालांकि, 17 जनवरी 2025 को समाप्त सप्ताह में यह घटकर 623.98 अरब डॉलर रह गया। यह विदेशी निवेश प्रवाह, वैश्विक बाजार में अस्थिरता और व्यापार घाटे जैसे कारकों के कारण हुआ।

बैंकिंग सेक्टर मजबूत, NPA 12 साल के निचले स्तर पर

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की दिसंबर 2024 की रिपोर्ट के अनुसार, बैंकिंग सेक्टर में सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां (NPA) घटकर 2.6% पर आ गई हैं, जो पिछले 12 वर्षों का सबसे निचला स्तर है। यह संकेत देता है कि भारत की बैंकिंग प्रणाली पहले की तुलना में अधिक स्थिर और मजबूत हो रही है।

इकोनॉमिक सर्वे 2024-25 में भारत की आर्थिक स्थिति, विकास दर, विदेशी मुद्रा भंडार, महंगाई दर और बैंकिंग सेक्टर की मजबूती पर महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है। हालांकि, 2047 तक विकसित भारत बनने के लक्ष्य को पाने के लिए देश को 8% की निरंतर आर्थिक वृद्धि की जरूरत होगी। इसके अलावा, चीन पर निर्भरता कम करने और घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने की दिशा में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता होगी।।


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