‘एक देश, एक चुनाव’ बिल लोकसभा में पेश, पक्ष में 269 और विरोध में 198 वोट

टेन न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली (17 दिसंबर 2024): ‘एक देश, एक चुनाव’ की परिकल्पना को मूर्त रूप देने के लिए केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने मंगलवार को लोकसभा में 129वां संविधान संशोधन विधेयक पेश किया। इस विधेयक को लेकर सदन में गहन बहस और मतदान हुआ।

शुरुआती मतदान इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से कराया गया, जिसमें 369 सांसदों ने भाग लिया। इस मतदान में 220 सांसद विधेयक के पक्ष में और 149 इसके विरोध में थे। विपक्षी सांसदों के सवालों और आपत्तियों के बाद पुनः पर्ची से मतदान कराया गया। दूसरे दौर के मतदान में पक्ष में वोट बढ़कर 269 हो गए, जबकि विरोध में 198 वोट पड़े। इसके बाद कानून मंत्री ने विधेयक को औपचारिक रूप से सदन में पेश किया।

प्रधानमंत्री का JPC को सुझाव

गृह मंत्री अमित शाह ने जानकारी दी कि जब यह विधेयक कैबिनेट में रखा गया था, तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे संयुक्त संसदीय समिति (JPC) को भेजने का सुझाव दिया था। उन्होंने कहा कि कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को इस दिशा में प्रस्ताव रखने का निर्देश दिया गया था, ताकि विधेयक पर व्यापक विचार-विमर्श हो सके।

विपक्ष ने किया विरोध

विपक्षी दलों ने विधेयक को लेकर कई गंभीर सवाल खड़े किए। समाजवादी पार्टी के सांसद धर्मेंद्र यादव ने इसे भारतीय जनता पार्टी की “तानाशाही लागू करने की साजिश” करार दिया। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सरकार को सदन में दो-तिहाई बहुमत प्राप्त नहीं है और इस स्थिति में विधेयक को पेश करना लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं का उल्लंघन है।

केंद्र शासित प्रदेशों के कानूनों में भी संशोधन प्रस्तावित

विधेयक के साथ ही केंद्र शासित प्रदेशों के कानूनों में संशोधन का प्रस्ताव भी पेश किया गया। इनमें केंद्र शासित प्रदेश अधिनियम 1963, दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र अधिनियम 1991, और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 शामिल हैं। अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि इन संशोधनों के तहत जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने पर विचार किया जा सकता है।

सत्ता पक्ष का समर्थन

सत्ता पक्ष के सांसदों ने विधेयक का जोरदार समर्थन किया। गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और किरेन रिजिजू ने ‘एक देश, एक चुनाव’ की परिकल्पना को देश के विकास के लिए आवश्यक बताया। उनका कहना है कि इससे चुनाव प्रक्रिया में सुधार आएगा और संसाधनों की बचत होगी।

विपक्ष की चिंताओं के बावजूद विधेयक आगे बढ़ा

भले ही विपक्ष ने विधेयक को लेकर कई चिंताएं जताईं, लेकिन सरकार इसे आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध नजर आई। प्रधानमंत्री और अन्य वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि ‘एक देश, एक चुनाव’ भारत की लोकतांत्रिक प्रणाली को सुदृढ़ करेगा और इसके दूरगामी सकारात्मक परिणाम होंगे।

इस महत्वपूर्ण विधेयक के भविष्य को लेकर अब निगाहें संयुक्त संसदीय समिति और राज्यसभा पर टिकी हैं।।

 


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