नई दिल्ली (22 जनवरी 2025): दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) से चुनाव कराने के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया है। कार्यकारी चीफ जस्टिस विभू बाखरु की अध्यक्षता वाली डिवीजन बेंच ने स्पष्ट किया कि कानूनी प्रावधान चुनाव आयोग को वोटिंग के लिए ईवीएम के इस्तेमाल की अनुमति देते हैं। यह याचिका रमेश चंद्र नामक व्यक्ति ने दायर की थी, जिन्होंने हाईकोर्ट के सिंगल बेंच के फैसले को चुनौती दी थी।
इससे पहले 22 जुलाई 2024 को हाईकोर्ट के सिंगल बेंच ने याचिका खारिज करते हुए कहा था कि याचिकाकर्ता कोई ऐसा तथ्य प्रस्तुत करने में विफल रहे, जिससे कोर्ट को हस्तक्षेप करने की आवश्यकता महसूस हो। सिंगल बेंच ने यह भी कहा था कि ईवीएम की वैधता और उनके उपयोग को लेकर सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट ने पहले ही कई बार फैसला सुनाया है।
याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में दावा किया था कि जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 61ए, जो चुनाव में ईवीएम के उपयोग की अनुमति देती है, संसद की मंजूरी के बिना जोड़ी गई थी, जिससे यह असंवैधानिक है। याचिका में यह भी कहा गया था कि ईवीएम को हैक करने की संभावना रहती है और यह चुनाव की निष्पक्षता पर सवाल खड़ा करता है। याचिकाकर्ता ने अमेरिका, जापान, जर्मनी जैसे देशों का हवाला देते हुए तर्क दिया कि इन देशों ने ईवीएम को खारिज कर बैलट पेपर का उपयोग जारी रखा है।
डिवीजन बेंच ने कहा कि याचिकाकर्ता के तर्क में ऐसा कोई आधार नहीं है, जो ईवीएम के इस्तेमाल पर रोक लगाने के लिए पर्याप्त हो। कोर्ट ने यह भी कहा कि चुनाव आयोग को जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत ईवीएम के उपयोग की पूरी स्वतंत्रता और कानूनी मान्यता प्राप्त है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि केवल व्यक्तिगत आशंकाओं के आधार पर ईवीएम को असंवैधानिक नहीं ठहराया जा सकता।
निर्वाचन आयोग ने कोर्ट में प्रस्तुत किया कि ईवीएम के उपयोग से चुनाव प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और तेज होती है। आयोग ने यह भी बताया कि ईवीएम को लेकर हर स्तर पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं, और हैकिंग की संभावना न के बराबर है।
क्या है धारा 61ए?
जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 61ए चुनाव आयोग को वोटिंग के लिए इलेक्ट्रॉनिक मशीनों का इस्तेमाल करने की अनुमति देती है। इस प्रावधान को पहली बार 1989 में लागू किया गया था और तब से इसे कई अदालतों में चुनौती दी गई, लेकिन हर बार इसकी वैधता को बरकरार रखा गया।
दिल्ली हाईकोर्ट ने यह फैसला देते हुए कहा कि ईवीएम का उपयोग पूरी तरह कानूनी है और चुनाव प्रक्रिया को प्रभावी और पारदर्शी बनाने में इसकी अहम भूमिका है। अदालत ने इस मुद्दे पर और बहस की संभावना को खारिज करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट पहले ही इस पर स्पष्ट निर्देश दे चुके हैं।।
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